छठ पूजा, जो एक प्रमुख लोक आस्था का पर्व है, विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व की खास अहमियत मुंगेर जिले में है, जिसे छठ पूजा की शुरुआत का स्थल माना जाता है। यहाँ पर जुड़ी हुई लोककथाएं और धार्मिक मान्यताएं छठ पूजा के इतिहास को और भी दिलचस्प बनाती हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार, यह पर्व सबसे पहले सीता माता द्वारा मुंगेर में किया गया था। आइए जानते हैं इस महापर्व के प्रारंभ और मुंगेर की छठ पूजा से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं।
मां सीता ने मुंगेर में किया था छठ व्रत
लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा की शुरुआत सीता माता ने की थी। आनंद रामायण के अनुसार, मुंगेर जिले के बबुआ गंगा घाट से लगभग दो किलोमीटर दूर गंगा के बीच स्थित पर्वत पर ऋषि मुद्गल के आश्रम में माता सीता ने छठ व्रत किया था। इस स्थान पर वर्तमान में सीता चरण मंदिर स्थित है, जो छठ पूजा से जुड़ा एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है।
यह भी माना जाता है कि जब भगवान राम 14 वर्षों का वनवास समाप्त करके अयोध्या लौटे, तो उन पर ब्राह्मण हत्या का आरोप लगा था, क्योंकि रावण ब्राह्मण कुल से थे। इस पाप से मुक्ति पाने के लिए ऋषि मुद्गल ने भगवान राम को मुंगेर बुलाया और यहाँ ब्राह्मण हत्या मुक्ति यज्ञ आयोजित किया। यज्ञ के दौरान माता सीता को आश्रम में रहने की सलाह दी गई और उन्हें सूरज देवता की उपासना करने का निर्देश दिया गया। इस उपासना के रूप में ही छठ पूजा की शुरुआत मानी जाती है।
सीता चरण मंदिर और छठ पूजा की प्राचीन मान्यता
जहां पर मां सीता ने छठ पूजा की थी, वहां एक विशाल पत्थर पर उनकी चरणों के निशान और सूप का चिन्ह आज भी मौजूद हैं। इस स्थान पर बने छोटे से मंदिर को सीता चरण मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर मुंगेर के बबुआ गंगा घाट के पास स्थित है। मंदिर का गर्भगृह हर साल 6 महीने तक गंगा के गर्भ में समाया रहता है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है।
धर्म के जानकार पंडितों के अनुसार, मुंगेर की सीता चरण मंदिर में मां सीता ने 6 दिनों तक छठ पूजा की थी, जब भगवान राम पर ब्राह्मण हत्या का पाप था। मुद्गल ऋषि की सलाह पर सीता माता ने सूर्य देवता की पूजा की, जिससे भगवान राम को ब्राह्मण हत्या से मुक्ति मिली। इस वजह से मुंगेर को छठ पूजा का एक पवित्र स्थल माना जाता है, जहां दूर-दूर से लोग इस महापर्व के अवसर पर पूजा करने के लिए आते हैं।
छठ पूजा के लिए आने वाले श्रद्धालु
मुंगेर का सीता चरण मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु छठ पूजा करने के लिए आते हैं। इस स्थान पर मान्यता है कि यहां पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। मंदिर का इतिहास और इसका धार्मिक महत्व इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र बना देता है।
छठ पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
छठ पूजा का पर्व मुख्य रूप से सूर्य देवता की उपासना से जुड़ा होता है, जिसमें विशेष रूप से महिलाएं भाग लेती हैं। यह पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें दिनभर उपवास और रात्रि में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मुंगेर का सीता चरण मंदिर उन श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो इस धार्मिक अनुष्ठान को पूरे श्रद्धा भाव से करना चाहते हैं।