पिछले कुछ दिनों से हो रहे हादसे की वजह के पीछे एक सोची समझी साजिश है। इस साजिश को देश ने दिल्ली के चुनाव के दौरान भी देखा। भारतीय जनता पार्टी के अनेक नेताओं ने भड़काऊ भाषण देकर डर और नफरत का माहौल बनाया है। एक ऐसा बयान पिछले रविवार को भी एक बीजेपी नेता ने दिया। जब उसने दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुआ कि तीन दिन के बीतने के बाद हमें कुछ नहीं कहना।
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उन्होंने कहा- केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की समय पर कार्रवाई नहीं करने से 20 (अभी मृतकों की संख्या 22) लोगों की जान चली गई। एक पुलिसकर्मी की भी जान गई। कांग्रेस कार्यसमिति सभी पीड़ितों के परिवारों के साथ गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हैं। पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस समिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार खासतौर पर गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्हें जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। सोनिया ने कहा- दिल्ली सरकार भी शांति बनाए रखने में असफल साबित हुई। दोनों सरकारों की विफलता के कारण दिल्ली इस त्रासदी का शिकार हुई।
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इससे पहले सोनिया गांधी की अध्यक्षता में दिल्ली में हो रही हिंसा और जानमाल के नुकसान और हर रोज बिगड़ती व्यवस्था पर कांग्रेस की आपात बैठक हुई। इसके बाद मोदी सरकार को राजधर्म याद दिलाने के लिए प्रियंका गांधी के नेतृत्व में सभी नेता राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च करने की योजना थी, जिसे बाद में बदल दिया गया। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कल का समय दिया है। राष्ट्रपति के पद का सम्मान रखते हुए हमने पैदल मार्च को कल तक के लिए टाल दिया है।