साउथ अफ्रीका ने आखिरकार वो कर दिखाया, जिसका इंतजार उसे 27 साल से था। ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025 के फाइनल में प्रोटियाज ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से पटखनी देकर पहली बार WTC खिताब अपने नाम किया। ये उनकी 1998 के बाद पहली ICC ट्रॉफी है। इस जीत ने न सिर्फ साउथ अफ्रीका के क्रिकेट फैंस का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया, बल्कि उन आलोचकों को भी करारा जवाब दिया, जिन्होंने प्रोटियाज की फाइनल में जगह पर सवाल उठाए थे। एडन माक्ररम के शानदार शतक, टेम्बा बावुमा की जुझारू कप्तानी और कगिसो रबाडा की घातक गेंदबाजी ने इस जीत में अहम रोल निभाया। आइए, इस ऐतिहासिक जीत की कहानी को थोड़ा करीब से जानते हैं।
27 साल का सूखा खत्म, साउथ अफ्रीका का जलवा
साउथ अफ्रीका की क्रिकेट टीम के लिए ये जीत किसी सपने से कम नहीं। 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से प्रोटियाज किसी भी ICC टूर्नामेंट का खिताब नहीं जीत पाए थे। लेकिन 2025 WTC फाइनल ने इस लंबे इंतजार को खत्म कर दिया। इस जीत की खास बात ये रही कि साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम को हराकर ये खिताब हासिल किया। ऑस्ट्रेलिया, जो टेस्ट क्रिकेट में हमेशा से एक मजबूत दावेदार रही है, को उनके ही घर में मात देना प्रोटियाज के लिए गर्व का पल है।
साउथ अफ्रीका ने 2023-25 WTC साइकिल में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज जीतीं। न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन भारत के खिलाफ ड्रॉ खेलकर उन्होंने फाइनल में अपनी जगह पक्की की। फाइनल में पहुंचने के बाद भी कई लोगों ने उनके हक पर सवाल उठाए, लेकिन प्रोटियाज ने अपनी परफॉर्मेंस से सबको चुप कर दिया।
बावुमा ने कहा “हम हकदार थे”
मैच के बाद साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने दिल खोलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “हमने अपने दम पर फाइनल में जगह बनाई। कुछ लोग कह रहे थे कि हम कमजोर टीमें खेलकर यहां पहुंचे, लेकिन ये बकवास है। हमने ऑस्ट्रेलिया को उनके घर में हराया। इससे बड़ा जवाब और क्या हो सकता है?” बावुमा का ये बयान उनकी टीम की मेहनत और जज्बे को दिखाता है।
बावुमा ने ये भी बताया कि ये जीत उनके लिए कितनी खास है। उन्होंने कहा, “मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं। ये जीत सिर्फ हमारी टीम के लिए नहीं, बल्कि पूरे साउथ अफ्रीका के लिए खास है। पिछले चार दिन हमें ऐसा लग रहा था जैसे हम घर में खेल रहे हैं। फैंस का सपोर्ट जबरदस्त था।” बावुमा ने ये भी कहा कि इस जीत का असली एहसास शायद कुछ दिनों बाद होगा।
माक्ररम और रबाडा बने जीत के हीरो
इस फाइनल में साउथ अफ्रीका की जीत के दो सबसे बड़े सितारे रहे- एडन माक्ररम और कगिसो रबाडा। माक्ररम ने 136 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली। उनकी ये पारी इसलिए और खास थी क्योंकि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मजबूत गेंदबाजी अटैक का डटकर सामना किया। दूसरी तरफ, कप्तान टेम्बा बावुमा ने मांसपेशियों में खिंचाव के बावजूद हार नहीं मानी और 66 रनों की जुझारू पारी खेली। माक्ररम और बावुमा ने तीसरे विकेट के लिए 147 रनों की साझेदारी की, जिसने साउथ अफ्रीका की जीत की नींव रखी।
गेंदबाजी में कगिसो रबाडा ने कमाल कर दिखाया। उन्होंने मैच में कुल 9 विकेट चटकाए। उनकी रफ्तार और सटीक लाइन-लेंथ ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। बावुमा ने रबाडा की तारीफ करते हुए कहा, “रबाडा हमारी गेंदबाजी के लीडर हैं। उन्होंने इस मैच में जिस तरह की गेंदबाजी की, वो शानदार थी।”
फाइनल का रोमांच: कैसे जीता साउथ अफ्रीका?
WTC 2025 का फाइनल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था, और ये मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अच्छी शुरुआत की, लेकिन रबाडा और उनके साथी गेंदबाजों ने कंगारुओं को ज्यादा दूर नहीं जाने दिया। साउथ अफ्रीका की टाइट गेंदबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी ज्यादा बड़ा स्कोर नहीं बना पाई। जवाब में साउथ अफ्रीका की बल्लेबाजी में माक्ररम और बावुमा ने कमाल दिखाया। माक्ररम का शतक और बावुमा की जुझारू पारी ने प्रोटियाज को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने वापसी की कोशिश की, लेकिन रबाडा ने फिर से अपने जादू से कंगारुओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया। साउथ अफ्रीका को आखिरी दिन जीत के लिए एक छोटा-सा टारगेट चेज करना था, जिसे उन्होंने 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया। ये जीत सिर्फ एक मैच की जीत नहीं थी, बल्कि 27 साल के लंबे इंतजार का अंत थी।