उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इन दिनों महाकुंभ की धूम है और देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं। इस बीच, समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपने परिवार के साथ महाकुंभ में पहुंचे। रविवार, 26 जनवरी को अखिलेश ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई और सूर्य को अर्घ्य भी दिया। उनके साथ सपा के कई नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने संगम में 11 बार डुबकी लगाई। इस मौके पर उन्होंने देश की खुशहाली, समृद्धि और विकास की कामना की और साथ ही सौहार्द, सद्भाव और सहनशीलता के लिए प्रार्थना की। खास बात यह रही कि यह दिन 26 जनवरी था, यानी कि गणतंत्र दिवस, और इस दिन वे चाहते थे कि गंगा, यमुना और सरस्वती की पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर देश की समृद्धि की कामना करें।
महाकुंभ के इंतजामों पर बोले अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस आयोजन में बेहतर सुविधाएं हमेशा हो सकती हैं। उन्होंने याद किया कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब भी महाकुंभ के आयोजन में 800 से लेकर 1300 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। हालांकि, अखिलेश का कहना था कि हर बार आयोजन से पहले सवाल उठाए जाते हैं ताकि सरकार कुंभ के आयोजन में सुधार कर सके और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
रेलवे हादसे पर भी बोलीं अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने महाकुंभ में एक हादसे का भी जिक्र किया जो रेलवे स्टेशन पर हुआ था। उन्होंने कहा कि यह हादसा समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान नहीं हुआ था, बल्कि रेलवे विभाग की लापरवाही के कारण हुआ था। अखिलेश ने बताया कि रेलवे ने प्लेटफॉर्म बदला था और गलत अनाउंसमेंट किया था, जिसके कारण भगदड़ मच गई और कई लोग घायल हो गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि वे इस बारे में सही जानकारी लें क्योंकि हादसा रेलवे की गलती थी।
सुविधाओं के सवाल पर अखिलेश का बयान
अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने हमेशा लोगों के हक में सवाल उठाए ताकि सरकार जनता को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सके। उनका कहना था कि महाकुंभ का आयोजन चाहे 800 करोड़ में हो या 1300 करोड़ में, सवाल यह है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कितनी सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि मां गंगा के लिए उन्होंने हमेशा यही संकल्प लिया था कि गंगा शुद्ध, निर्मल और साफ सुथरी बहें, लेकिन शायद यह समय सही नहीं है उन सवालों को उठाने का।
आखिरकार, अखिलेश यादव का संदेश
अखिलेश यादव ने अंत में एक सकारात्मक संदेश दिया और कहा कि देश के विकास, सौहार्द और शांति की कामना करते हुए उन्होंने महाकुंभ में डुबकी लगाई। उनका यह मानना था कि देश में सभी समुदायों और धर्मों के बीच भाईचारे और सहनशीलता की भावना बनी रहे।
महाकुंभ का आयोजन इस बार भी श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बना हुआ है, जहां लाखों लोग संगम में स्नान करने के लिए पहुंचे हैं। अखिलेश यादव का यह दौरा और उनके बयान महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार पर दबाव बनाने की एक रणनीति भी हो सकती है।