संसद से सेंगोल हटाकर संविधान रखा जाए- सपा सांसद ने छेड़ी नई बहस

संसद भवन स्थापित किया गया ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल समाजवादी पार्टी के सांसद आर के चौधरी ने संसद से सेंगोल हटाने की मांग की है. सपा सांसद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने संसद भवन में जहां स्पीकर बैठते हैं, वहां सेंगोल स्थापित कर दिया. सेंगोल का हिंदी अर्थ है राजदंड़, जिसका मतलब है राजा का डंडा. इसलिए संसद भवन से सेंगोल को हटाना चाहिए.

सपा सांसद क्यों कर रहे हैं सेंगोल हटाने की मांग

सपा सांसद ने कहा कि बीजेपी सरकार ने मोदी जी के नेतृत्व में सेंगोल स्थापित कर दिया, जिसका हिंदी अर्थ है राजदंड. इसका मतलब है राजा की छड़ी. अब देश संविधान से चलेगा या फिर राजा के डंडे से चलेगा. इसलिए हमारी ये मांग है कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो संसद भवन से सेंगोल को हटाना है.

संसद भवन में कहां स्थापित किया गया सेंगोल

संसद भवन स्थित लोकसभा चैम्बर में लोकसभा स्पीकर के आसन के निकट ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को स्थापित किया गया है. जिसे नए संसद भवन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुए समारोह में स्थापित किया गया था. नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किए जाने से पहले सेंगोल को तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के लगभग 30 पुरोहितों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया था. कहा जाता है, ‘सेंगोल’ जिसे दिया जाता है, उससे न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है. ‘सेंगोल’ एक तरह का राजदंड है. 15 अगस्त 1947 की आधी रात को इसे पंडित नेहरू को सौंपा गया था. आइए जानते हैं क्या हैं ‘सेंगोल’ और भारत के इतिहास में क्यों है इसका महत्व:-

सेंगोल क्या है?

सेंगोल शब्द तमिल शब्द सेम्मई’ से आया है, जिसका अर्थ है ‘नीतिपरायणता’. सेंगोल एक राजदंड होता है. चांदी के सेंगोल पर सोने की परत चढ़ी होती है. इसके ऊपर भगवान शिव के वाहन नंदी महाराज विराजमान होते हैं.संसद में स्थापित सेंगोल पांच फीट लंबा है. इसे तमिलनाडु के एक प्रमुख धार्मिक मठ के मुख्य आधीनम (पुरोहितों) का आशीर्वाद प्राप्त है.

गौरतलब है कि 28 मई 2023 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था. उस दौरान उन्होंने संसद भवन में सेंगोल स्थापित किया था. बता दें कि उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के अधीनम मठ से सेंगोल स्वीकार किया था और इसे लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया गया. आज भी सेंगोल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के आसन के पास स्थापित है.

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