लखनऊ: आगरा की एसपी ट्रैफ़िक सुनीता सिंह के इस्तीफ़ा देने से जिले के पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. इस्तीफे की वजह अधिकारियों में आपसी तकरार बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि सुनीता सिंह का चार दिन पहले किसी अधिकारी से अनबन हुई थी, जिसके बाद से वे तनाव में थीं. उन्होंने अपना इस्तीफा आईजी को सौंप दिया है.
क्योंकि मैं आईपीएस अधिकारी नहीं हूं
सूत्रों के मुताबिक, दोपहर में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसमें उन्होंने सीधे तौर पर न तो किसी को जिम्मेदार ठहराया और न ही किसी पर आरोप लगाए. इसमें उन्होंने लिखा है कि मैं दबाववश स्वेच्छा से त्यागपत्र दे रही हूं, क्योंकि मैं आईपीएस अधिकारी नहीं हूं. इस्तीफा देने की भाषा से साफ है कि वे किसी न किसी दबाव में थीं.
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क्योंकि मैं IPS अधिकारी नहीं हूं. इन दो वाक्यों से अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. मगर, एक बात साफ है कि वे किसी दबाव से परेशान हैं. इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया. साथ ही IPS और PPS के बीच का मतभेद भी सामने आ रहा है. सूत्रों का कहना है कि एक वरिष्ठ अधिकारी से मंगलवार रात को उनकी किसी बात को लेकर तकरार हो गई थी.
आईजी रेंज ने की सुनीता के इस्तीफे की पुष्टि
आईजी रेंज राजा श्रीवास्तव ने सुनीता के इस्तीफे की पुष्टि की है. राजा श्रीवास्तव के मुताबिक उन्होंने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी. जिसके बाद उन्होंने इस्तीफे को आगे बढ़ा दिया है. एक पीपीएस अधिकारी ने नाम न छपने की स्थिति में बताया कि उन्होंने अपने इस्तीफे में दबाववश स्वेच्छा से त्याग पत्र दिया है. फिलहाल सुनीता सिंह का मोबाइल स्विच ऑफ है और वे मेडिकल पर चलीं गईं हैं. उन्होंने बुधवार दोपहर को अपना इस्तीफा सौंपा.
कौन हैं सुनीता सिंह
सुनीता सिंह मूल रूप से गोरखपुर जिले की रहने वाली हैं. सुनीता सिंह 1991 बैच की पीपीएस टॉपर हैं. उत्तर प्रदेश के सबसे महत्वूपर्ण जिले नोएडा में पुलिस अधीक्षक यातायात और पुलिस अधीक्षक अपराध के पद पर रह चुकी हैं. बता दें दो महीने पहले ही उनकी आगरा के पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक के पद पर तैनाती हुई थी. सुनीता सिंह यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ फोटो चालान का अभियान भी चला रहीं थीं.
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यातायात विभाग ऊपरी कमाई के लिए कुख्यात
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की रात्रि में एक वरिष्ठ से उनकी तकरार हुई थी. इसके पीछे कारण क्या था, यह किसी को नहीं पता. उनका स्टाफ कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. तकरार के बाद वे बुधवार को कार्यालय में नहीं पहुंची. फिर दोपहर में उन्होंने इस्तीफा भेज दिया. साथ में चिकित्सा अवकाश पर चली गईं. बता दें कि यातायात विभाग ऊपरी कमाई के लिए कुख्यात है. ड्यूटी लगाने तक के पैसे लिए जाने के मामले पहले सामने आ चुके हैं. कई यातायात पुलिस कर्मचारी जेल तक जा चुके हैं.