श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे अगले हफ्ते स्वदेश लौट सकते हैं। श्रीलंका में भीषण आर्थिक व राजनीतिक संकट व उनके विरुद्ध छिड़े विद्रोह के बीच वे जुलाई में अपने देश श्रीलंका को छोड़ कर भागने के लिए विवश हुए थे।
डेली मिरर ने गोताबाया राजपक्षे के करीबी रूस में श्रीलंका के पूर्व राजदूत उदयंगा वीरातुंगा के हवाले से यह जानकारी दी है। वीरतूंगा ने संकेत दिया कि पूर्व राष्ट्रपति 24 अगस्त को कोलंबो लौट सकते हैं। श्रीलंका इन दिनों जबरजस्त नकदी संकट झेल रहा है। उसे लेकर श्रीलंका में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसी के चलते राजपक्षे दूसरे देश भागने पर विवश हुए थे। गोताबाया ने बीते महीने अपना इस्तीफा दे दिया था। इसके पश्चात उनके पद पर पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं।
पूर्व राजदूत ने कहा-चालाक नेता नहीं, चालाक अधिकारी हैं राजपक्षे
उदयंगा वीरातुंगा को इसी वर्ष के फरवरी माह में गिरफ्तार किया गया था। कई महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें बेल पर रिहा किया गया था। आपराधिक जांच विभाग में अपना बयान दर्ज कराने के बाद मीडिया से बातचीत में पूर्व राजदूत ने कहा कि राजपक्षे चालाक नेता नहीं बल्कि चालाक अधिकारी हैं। गोताबाया के दोबारा सियासत में आने के प्रश्न पर वीरातुंगा ने यह बात कही। वीरातुंगा श्रीलंका द्वारा यूक्रेन से 2006 में मिग-27 लड़ाकू विमान खरीदी मामले में गड़बड़ी के आरोपी है। यह केस तब का है, जब राजपक्षे श्रीलंका के रक्षा सचिव हुआ करते थे।