सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओं का बयान- हमें कोई भय नहीं
केरल के सबरीमाला मंदिर का विवाद तो सभी जानते हैं, और इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर इतना विवाद बढ़ गया है कि पूरे प्रदेश में जैसे सभी के अन्दर एक आक्रोश है. इस आक्रोश ने देखते ही देखते हिंसा का रुप ले लिया. नतीजा ये निकला कि हिंसा के आरोप में 3000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार करना पड़ा.
बता दें कि सबरीमाला मंदिर में दो औरतों ने प्रवेश किया और ये यह पहली बार था कि जब कोई महिला मंदिर में प्रवेश कर पाने में सफल हो पाई. और महिलाओं के मंदिर में घुसने के बाद केरल हिंसा की आग में धधक उठा.
बिंदु और कनकदुर्गा का आया बयान
इनमें से एक महिला का नाम बिंदु अमीनी है जो 44 वर्ष और दूसरी महिला का नाम अमीनी जिनकी उम्र 42 वर्ष है. इन महिलाओं ने 2 जनवरी को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया उन्होंने कहा कि वे भगवान अयप्पा के सच्चे भक्त हैं और संविधान में निहित समान अधिकारों को बरकरार रखना चाहते थे. बिंदु कोझीकोड के कोइलांडी की रहने वाली है, और ये एक नक्सली हुआ करती थी वर्तमान में वह कन्नून यूनिवर्सिटी में लीगल स्टडीज पढ़ाती है.वहीं कनकदुर्गा केरल के मल्लापुरम जिले में स्थित अंगाड़ीपुरम की रहने वाली है और सिविल सप्लाई विभाग में कर्मचारी है.
‘हमें कोई भय नहीं’
इन दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने के बाद केरल में बहुत हिंसा हो रही है. वहीं इन दोनों महिलाओं का कहना है कि उन्हें कोई भय नहीं है. क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया, और हिंसा पर अपनी अस्वीकृति व्यक्त की और जब उनसे पूछा गया कि उनके खिलाफ हो रही हिंसा के बावजूद उन्होंने खुद को कैसे तैयार किया. तो उनका जवाब था कि, ‘हमारे पास विशेष तैयारी नहीं थी, हमारे एक मित्र ने हमें कुछ मनोवैज्ञानिक सलाह दी.’
लेकिन बिंदु और कनकदुर्गा द्वारा को मंदिर में प्रवेश के बाद मंदिर के पुजारी कंदारू राजीवरू ने ‘शुद्धिकरण’ करने के लिए मंदिर का गर्भगृह बंद कर दिया था. और दोनों महिलाओं ने पुजारी पर गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा कि वे एक पुजारी के खिलाफ मामला दर्ज कराएंगी.