प्रयागराज में गंगा नदी पर एक अनोखा और अस्थायी स्टील ब्रिज तैयार हो रहा है। इस ब्रिज का निर्माण महाकुंभ मेले के मद्देनजर किया जा रहा है, ताकि लाखों श्रद्धालुओं को बेहतर तरीके से संगम तक पहुंचने की सुविधा मिल सके। यह 426 मीटर लंबा स्टील ब्रिज 4500 टन स्टील और लोहा से तैयार हो रहा है और इसकी लागत लगभग 60 करोड़ रुपये आंकी गई है। मगर, यह ब्रिज सिर्फ दो महीने के लिए काम करेगा। कुंभ मेला खत्म होते ही इसे हटा दिया जाएगा। आइए जानते हैं इस ब्रिज की पूरी कहानी।
स्टील ब्रिज की निर्माण प्रक्रिया
यह स्टील ब्रिज गंगा नदी पर बन रहे 6 लेन के नए पुल के समानांतर तैयार हो रहा है। इस ब्रिज का निर्माण उन श्रद्धालुओं के लिए किया गया है जो महाकुंभ में एक साथ आने वाले लाखों लोग होंगे। इस अस्थायी पुल की चौड़ाई 16 मीटर है और इसे बनाने में करीब 4500 टन स्टील और लोहा लगा है। इस पुल को बनाने के लिए 100 से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं। इसमें 10 वेल्डिंग विशेषज्ञ भी शामिल हैं जो पुल की संरचना को सुरक्षित और मजबूत बनाने में लगे हैं।
यह पुल विशेष तौर पर महाकुंभ के दौरान भारी संख्या में आने वाले वाहनों और श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। पुल का निर्माण एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया जा रहा है, जो पहले से ही प्रयागराज में 10 किलोमीटर लंबे छह लेन ब्रिज का निर्माण कर रही है। कंपनी ने इस स्टील ब्रिज को एक आपातकालीन उपाय के रूप में तैयार किया, क्योंकि महाकुंभ तक नया पुल तैयार नहीं हो पाया था।
अस्थायी ब्रिज का महत्व
प्रयागराज में गंगा नदी पर पहले से ही एक पुराना पुल है, लेकिन वह काफी जर्जर हो चुका है और उसकी क्षमता भी सीमित है। दूसरा, महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं का संगम तक पहुंचना और वहां से लौटना मुश्किल हो सकता था। इसके लिए प्रशासन ने विकल्प के तौर पर इस अस्थायी स्टील ब्रिज को बनाने का फैसला लिया। इस पुल के जरिए महाकुंभ के दौरान भारी वाहनों के लिए पार्किंग स्थल भी उपलब्ध होगा, जिससे शहर के अन्य हिस्सों में जाम की समस्या कम होगी।
यह स्टील ब्रिज 426 मीटर लंबा है और यह गंगा नदी के पार जाने के लिए एक अतिरिक्त रास्ता उपलब्ध कराएगा। पुल के पास ही 4 किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड भी बनाई जा रही है, ताकि लोगों को इस पुल तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो। इस पुल से श्रद्धालु कुंभ क्षेत्र तक पैदल ही पहुंचेंगे। संगम तक आने के लिए यहां से 10 से 12 किलोमीटर का रास्ता तय करना होगा, जिससे संगम क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा।
पुल के बाद क्या होगा?
हालांकि यह पुल दो महीने के लिए बनाया गया है, मगर इसके बाद इसे हटा लिया जाएगा। इसके बाद यहां पर बने 4500 टन स्टील और लोहे का क्या होगा, इस पर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। एसपी सिंगला कंपनी के इंजीनियर ने बताया कि पुल हटाने के बाद इसकी सामग्री के बारे में सरकार और उनकी कंपनी मिलकर निर्णय लेंगी।
भविष्य में 6 लेन ब्रिज का निर्माण
यह अस्थायी स्टील ब्रिज महज एक समाधान है, क्योंकि गंगा नदी पर बनने वाला नया 6 लेन पुल समय पर तैयार नहीं हो पाया है। इस पुल का निर्माण नवंबर 2020 में शुरू हुआ था, और इसे 3 साल के अंदर तैयार होना था। हालांकि, निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है और इसकी वजह से महाकुंभ के लिए इस अस्थायी स्टील ब्रिज की आवश्यकता पड़ी।
कुंभ मेला खत्म होते ही यह स्टील ब्रिज हटा लिया जाएगा, और इसके स्थान पर 6 लेन पुल को लोगों के लिए खोला जाएगा। यह पुल शहर और संगम के बीच यातायात की समस्या को सुलझाने में मदद करेगा। पुल की कुल लंबाई 9.9 किलोमीटर होगी, जिसमें से 4 किलोमीटर गंगा नदी पर बनेगा। इस पुल का शिलान्यास 2020 में हुआ था, और इसकी कुल लागत 980.77 करोड़ रुपये तय की गई थी।
विशेषज्ञों की राय
इंजीनियरों के मुताबिक, यह अस्थायी पुल पूरी तरह से सुरक्षित है और इसे महाकुंभ के दौरान भारी वाहनों और श्रद्धालुओं के दबाव को सहने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 16 मीटर चौड़ा यह पुल पूरे महाकुंभ में इस्तेमाल के लिए तैयार होगा और इसमें एक-एक पिलर की मजबूत जांच के बाद ही निर्माण कार्य आगे बढ़ाया गया है।