असदुद्दीन ओवैसी से सुभासपा के हुए मतभेद?

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात के बाद ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की नाराजगी की खबरें आ रहीं हैं. ऐसे में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में इस बात का दावा किया कि ओवैसी की पार्टी अब भी उनके भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा है. मीडिया से बातचीत करते हुए बुधवार को राजभर ने बताया कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मंगलवार को मुलाकात के बाद मैंने ओवैसी से फोन पर बात की और मैंने उन्हें इस मुलाकात के बारे में विस्तार से बताया. ओवैसी से मतभेद की खबरों को बेबुनियाद बताते हुए राजभर ने दावा किया कि एआईएमआईएम अब भी उनकी अगुवाई वाले भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा है.

राजभर ने आगे कहा हम मोर्चे को मजबूत कर रहे हैं. हम इसी सिलसिले में वाराणसी में सात अगस्त को महिलाओं, पिछड़ों तथा अति पिछड़ों का सम्मेलन आयोजित करेंगे. अगले दिन इलाहाबाद में भी ऐसा ही सम्मेलन होगा. राजभर ने कहा कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से पहले उन्होंने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से सोमवार को भेंट की थी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह बीजेपी से गठबंधन नहीं करेंगे और उनकी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से कोई बैठक नहीं हुई है.

उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके राजभर ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में बताया था कि वह बीजेपी के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं, बशर्ते यह पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में पिछड़े वर्ग के किसी नेता को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करे. राजभर ने स्वतंत्र देव सिंह और उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह से हुई मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया था. उन्होंने पहले कहा था कि बीजेपी के साथ गठबंधन करने की संभावनाएं न के बराबर है और उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल को उखाड़ फेंकने का संकल्प ले चुकी है, मगर बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने उम्मीद जताई है कि सुभासपा और बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगी.

राजभर ने हाल में भागीदारी संकल्प मोर्चा गठित किया था जिसमें कई छोटी पार्टियों को शामिल किया गया था. उन्होंने दावा किया था कि बीजेपी उनके साथ गठबंधन करने को बेताब है क्योंकि वह यह समझती है कि प्रदेश में दोबारा सरकार बनाने के लिए यह गठबंधन करना जरूरी है. सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली  एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है. सुभासपा ने वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव बीजेपी से गठबंधन कर लड़ा था और चार सीटों पर जीत हासिल की थी. वर्ष 2019 में मतभेद होने पर यह पार्टी बीजेपी से अलग हो गई थी. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों के अनेक जिले राजभर बहुल है और पूर्वांचल की कुल आबादी में इस बिरादरी की हिस्सेदारी लगभग 20% है.


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