आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने जिंदगी को जितना आसान बनाया है, उतना ही नौकरियों को लेकर डर भी पैदा किया है। कई लोग कह रहे हैं कि AI की वजह से इंसानों की जॉब्स खतरे में हैं। बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों ने तो छंटनी भी शुरू कर दी है। लेकिन गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर कोडिंग करने वाले इंजीनियर्स की बांछें खिल जाएंगी।
AI टूल्स दे रहे टक्कर
ChatGPT और Google Gemini जैसे AI टूल्स इंसानी दिमाग को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। इन टूल्स को हर दिन और स्मार्ट किया जा रहा है। OpenAI के सैम ऑल्टमैन ने डीप रिसर्च एजेंट बनाया है, तो गूगल के जेमिनी ने डीप माइंड टूल्स डेवलप किए हैं। ये टूल्स इंजीनियर्स की तरह कोडिंग कर सकते हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का तो ये भी कहना है कि अगले 5 साल में कोडिंग वालों की नौकरियां आधी हो सकती हैं।
सुंदर पिचाई का बयान
गूगल के बॉस सुंदर पिचाई AI के कोडिंग वालों को रिप्लेस करने की बात पर बिल्कुल पॉजिटिव नजर आए। हाल ही में एक पॉडकास्ट में उन्होंने कहा कि गूगल के 30% सॉफ्टवेयर कोड्स AI की मदद से लिखे जा रहे हैं। ये टूल्स इंसानों का काम आसान करने के लिए हैं, न कि उनकी जगह लेने के लिए। पिचाई ने बताया कि गूगल आने वाले दिनों में और ज्यादा सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को हायर करने वाला है।
‘AI कभी इंसानों की जगह नहीं ले सकता’
पिचाई ने साफ कहा कि उनकी कंपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की संख्या में 10% का इजाफा करने जा रही है। AI भले ही कोडिंग में मदद करे, लेकिन इंसानों की प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स का कोई जवाब नहीं। उन्होंने कहा कि कोडिंग में इंसानों को जो मजा आता है, वो AI में कहां? कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि AI की वजह से आने वाले सालों में कई सेक्टर्स की नौकरियां खतरे में हैं, लेकिन पिचाई का बयान इससे उलट है।