अवमानना नोटिस का नहीं दिया जवाब, योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव और उनकी पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अब दोनों को निजी तौर पर पेश होने के लिए तलब किया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अवमानना मामले में नोटिस दिया था, लेकिन दोनों ने ही कोर्ट को कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले गंभीर बीमारियों को ठीक करने के बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के दावों संबंधी विज्ञापनों पर पूरी तरह रोक का आदेश दिया था, लेकिन इस रोक पर अमल न करने की शिकायत होने पर अवमानना का नोटिस जारी किया था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। जिसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के गंभीर रोगों को ठीक करने संबंधी विज्ञापनों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे। अब अवमानना मामले में नोटिस का जवाब न देना बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है।

बाबा रामदेव और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के बीच जंग काफी दिनों से चल रही है। बाबा रामदेव और उनकी पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से ऐसे विज्ञापन लगातार दिए जा रहे थे, जिनमें असाध्य रोगों को भी आयुर्वेद से ठीक करने का दावा किया गया था। इसी के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के विज्ञापनों को भ्रामक बताते हुए बाबा रामदेव को फटकार भी लगाई थी।

वहीं, बाबा रामदेव ने भी इस मामले में कहा था कि अगर वो झूठे हैं, तो 1000 करोड़ का जुर्माना लगाया जाए। उन्होंने ये भी कहा था कि अगर गलती की है, तो मौत की सजा के लिए भी तैयार हैं। अब देखना ये है कि सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण पेश होते हैं या नहीं और फिर अदालत का इस मामले में क्या रुख रहता है।

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