सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार की अर्जी सुनने से इनकार कर दिया। इसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा आयोजित कंबल वितरण आयोजन में भगदड़ को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने बंगाल सरकार को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए उपयुक्त गाइड लाइन हासिल करने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय जाने को कहा। प्रदेश की टीएमसी सरकार ने इस मुद्दे में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने पर लगाई गई रोक को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। पश्चिम बर्धमान जनपद में आयोजित कंबल वितरण समारोह में भगदड़ मची थी।
SC refuses to entertain plea by WB govt seeking to register FIR regarding stampede at blanket distribution event organised by BJP leader Suvendu Adhikari in WB. State govt to withdraw the plea. SC grants liberty to WB Govt to move to Calcutta HC for appropriate directions. pic.twitter.com/fJDZfiM11f
— ANI (@ANI) December 15, 2022
शीर्ष न्यायालय के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति पीएस नरसिंम्हा की बेंच से बंगाल सरकार के अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि वे उच्च न्यायालय के आदेश में परिवर्तन चाहते हैं। उच्च न्यायालय ने एकतरफा ढंग से इस केस मे प्राथमिकी दायर करने पर रोक लगा दी है। सिंघवी ने यह भी कहा कि जिन उच्च न्यायालय के जज ने आदेश दिया है, वे मौजूद नहीं हैं, इसलिए आदेश में परिवर्तन के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।