नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का सपना चकनाचूर

तेज बहादुर यादव

वाराणसी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे तेज बहादुर यादव को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने तेज बहादुर के नामांकन रद होने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अब मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की उनकी उम्मीद भी खत्म हो गई। बता दें कि वाराणसी में 19 मई को मतदान होना है।

बीते दिनों सपा-बसपा महागठबंधन के वाराणसी से संयुक्त उम्मीदवार तेज बहादुर यादव के नामांकन रद होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वो तेज बहादुर यादव की नामांकन रद्द किए जाने के खिलाफ दर्ज शिकायत पर गौर करे और गुरुवार तक जवाब दाखिल करे।

इस मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस समय निर्वाचन अधिकारी के आदेश में दखल नहीं देंगे। तेज बहादुर यादव ने नामांकन रद्द करने के चुनाव अधिकारी के एक मई के फैसले के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत सुनिश्चित करने की मंशा से उनका नामांकन पत्र रद किया गया।

इस बारे में चुनाव आयोग का कहना है कि तेज बहादुर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहे। जनप्रतिनिधि (आरपी) अधिनियम के तहत उन्हें इस आशय का प्रमाण पत्र देना आवश्यक था कि उन्हें भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त नहीं किया गया है। यादव ने याचिका में कहा कि उन्होंने नामांकन पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया था कि उन्हें अनुशासनहीनता में बीएसएफ से बर्खास्त किया गया, जो जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत नहीं आता। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए चुनाव आयोग से सर्टिफिकेट लेने की भी जरूरत नहीं है।

बता दें कि बीएसएफ से बर्खास्त हवलदार तेज बहादुर यादव ने जवानों को खराब खाना दिए जाने का एक वीडियो इंटरनेट पर शेयर किया था। इसके बाद 2017 में उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।

Previous articleजिन्होंने सिर्फ अन्याय किया, वो न्याय कैसे देंगे: नितिन गडकरी
Next articleAithey Aa… सॉन्ग रिलीज, सलमान संग कटरीना ने लगाये गुलाबी ठुमके