13 फरवरी 2024 से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। इस मामले में सुनवाई की अध्यक्षता जस्टिस सूर्यकांत द्वारा की जा रही है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पंजाब सरकार से पिछले 15 दिन का मेडिकल रिपोर्ट मांगा था।
डल्लेवाल का अनशन जारी, स्वास्थ्य रिपोर्ट होगी पेश
सुप्रीम कोर्ट में आज किसान आंदोलन के मामले की सुनवाई जारी है। यह सुनवाई 13 फरवरी 2024 से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर हो रही है। इस मामले में जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पंजाब सरकार से पिछले 15 दिन का मेडिकल रिपोर्ट देने को कहा था।
पंजाब सरकार ने कोर्ट में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने किसानों के साथ बैठक की है। अब पंजाब सरकार ने यह जानकारी दी है कि वे आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्वास्थ्य रिपोर्ट पेश करेंगे। डल्लेवाल के अनशन के 58वें दिन, उन्हें ट्रॉली से बाहर लाया जाएगा और मंच के पास एक ट्रॉली/कमरे में शिफ्ट किया जाएगा ताकि उन्हें धूप मिल सके।
डल्लेवाल ने इस बीच कहा कि उन्हें इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ी और वे 121 किसान नेताओं के साथ आमरण अनशन पर बैठे थे। उनका कहना था कि उन्हें इलाज कराने के लिए दबाव डाला गया था। डल्लेवाल ने कहा, “हम यह जंग रोटी से नहीं बल्कि अकाल पुरख के आशीर्वाद से जीतेंगे। गुरु नानक देव जी की दया से ही यह सब होगा। मैं सौहार्द की भावना के साथ कहना चाहता हूं कि अगर मुझे मीटिंग में बुलाया जाएगा तो मैं जरूर जाऊंगा।”
किसान आंदोलन का विस्तार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भूख हड़ताल
किसान आंदोलन अब देशभर में फैल चुका है। जहां एक तरफ पंजाब में डल्लेवाल के अनशन की गूंज सुनाई दे रही है, वहीं महाराष्ट्र और तमिलनाडु के किसान भी आंदोलन के समर्थन में सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में किसानों ने जिला स्तर पर एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल आयोजित की, जबकि तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में किसान एक दिन का उपवास रख रहे हैं। इन आंदोलनों में किसानों ने केंद्र सरकार से एमएसपी और अन्य मांगों को लेकर मजबूत कदम उठाने की अपील की है।
26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान
किसान नेताओं ने अब 26 जनवरी को देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालने का फैसला किया है। इसके बाद दिल्ली कूच करने को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस दिन को लेकर किसानों ने अपने आन्दोलनों को और तेज़ करने की योजना बनाई है।
चंडीगढ़ में किसानों का केंद्र सरकार से मिलकर मांगों का प्रतिनिधित्व
14 फरवरी को किसान नेता चंडीगढ़ में केंद्र सरकार से मुलाकात करेंगे। वे अपनी मांगों को लेकर चर्चा करेंगे और आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए अगला कदम तय करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का बयान और एम्स से राय की बात
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह सभी रिपोर्ट्स को एम्स भेजेगा ताकि पंजाब सरकार के दावों की पुष्टि की जा सके। कोर्ट ने एम्स के डायरेक्टर से कहा था कि इस मामले में चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श लें।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि वह डल्लेवाल से बातचीत फिर से शुरू करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं और उन्हें चिकित्सा देखभाल लेने के साथ-साथ प्रभावी चर्चा में शामिल होने का सुझाव भी दे सकते हैं।
किसान नेताओं की अपील और आगे की रणनीति
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसान नेता लगातार यह अपील कर रहे हैं कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द स्वीकार किया जाए। उनकी प्रमुख मांगों में एमएसपी, कृषि कानूनों की वापसी, और किसानों की सुरक्षा से जुड़ी अन्य मुद्दे शामिल हैं। आंदोलन के बढ़ते हुए असर और व्यापक समर्थन के कारण यह मामला अब और भी संवेदनशील हो गया है।
संभावित भविष्य और सरकारी कदम
किसान आंदोलन का यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और इसके आगे और भी कई सुनवाई की संभावनाएं हैं। सरकार के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि किसानों के पक्ष में लगातार समर्थन बढ़ता जा रहा है। साथ ही, कोर्ट की तरफ से दिए गए निर्देशों को लागू करना भी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।