राफेल सौदे में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को झटका दिया है. केंद्र सरकार ने कोर्ट से इस मामले में अपने पुराने फैसले को बनाये रखने और पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज करने की अपील की थी, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.
राफेल सौदे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले जांच की अपील को ख़ारिज कर दिया था. इसे बाद अरुण शौरी और प्रशांत भूषण समेत कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की.
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को नए सबूत दिए, जबकि केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल दो ख़ास बातें रखीं.
उन्होंने कहा कि अदालत में पेश किये गए दस्तावेज चोरी के हैं, इसलिए अदालत को उन पर ध्यान नहीं देना चाहिए. यह भी कहा गया कि दस्तावेज गोपनीय हैं, इसलिए सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा होने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
हालाँकि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए इन दलीलों को खारिज कर दिया. इसके बाद केंद्र की मोदी सरकार पर हमले शुरू हो गए.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा, ‘मोदी जी, आप भाग सकते हैं और झूठ पर झूठ बोल सकते हैं, लेकिन देर सवेर सच सामने आ ही जाएगा.’
दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने लिखा, ‘मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफ़ेल में क्लीन चिट मिली है. आज के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफ़ेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया.’
बीएसपी प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री से माफ़ी मांगने और रक्षा मंत्री से इस्तीफ़ा तक मांग लिया. राफेल सौदे में सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को लगे इस झटके का असर चुनाव पर किस तरह से होगा, यह कहना फिलहाल मुश्किल है. याद दिला दें कि 11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है.