नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को राहत देते हुए गुरुवार को एक अंतरिम निर्देश में 22 नवंबर तक हेराल्ड हाउस पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस से नेशनल हेराल्ड प्रकाशित होता है. केंद्र द्वारा 30 अक्टूबर को हेराल्ड हाउस खाली कराने के निर्देश को चुनौती देने वाली एजेएल की यचिका पर न्यायमूर्ति सुनील गौर का यह आदेश आया है. एजेएल ने आरोप लगाया है कि सरकार का 30 अक्टूबर का आदेश ‘अवैध, असंवैधानिक, मनमाना और प्रथम प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरू की विरासत को जानबूझकर बर्बाद करने की कोशिश है.’
शहरी विकास मंत्रालय ने कहा था कि एजेएल को दिए गए 56 साल पुराने पट्टे की अवधि खत्म हो गई है और एजेएल को 15 नवंबर तक परिसर खाली करने को कहा था. केंद्र सरकार ने गुरुवार को अदालत को आश्वस्त किया कि वह परिसर का कब्जा नहीं लेगी, केवल इमारत को खाली कराने के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू करेगी. एजेएल ने अदालत को बताया कि वह बीते कई दशकों से अखबार का प्रकाशन कर रहा है. हालांकि, वित्तीय संकट की वजह से थोड़े समय से इसका प्रकाशन रुका रहा, लेकिन औपचारिक अखबार व डिजिटल मीडिया का संचालन पूरी तरह से बहाल था.
सप्ताहिक नेशनल हेराल्ड ऑन संडे का प्रकाशन 24 सितंबर, 2017 से फिर से शुरू हो गया है और इसे हेराल्ड हाउस दिल्ली से प्रकाशित किया जा रहा है. एजेएल ने 14 अक्टूबर से अपने साप्ताहिक हिंदी अखबार का फिर से प्रकाशन शुरू किया. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने कुछ महीने पहले परिसर का निरीक्षण किया था और पाया कि एजेएल को आवंटित क्षेत्र का बीते 10 सालों से अखबार के प्रकाशन के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा है. यह बात अदालत को बताई गई. एजेएल ने कहा कि निरीक्षण के लिए आए लोगों ने कमरों का दौरा नहीं किया, जहां प्रिंटिंग प्रेस लगी हुई है और पेपर के भंडार रखे हुए हैं.