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Monday, March 17, 2025

CAG की नियुक्ति में होगा बदलाव? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस, CJI को पैनल में शामिल करने की मांग

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की मांग वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में CAG की नियुक्ति में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने की मांग की गई है। NGO सेंट्रल फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (CPIL) द्वारा दायर इस याचिका में CAG की नियुक्ति प्रक्रिया को प्रधानमंत्री की सिफारिश से अलग कर, एक स्वतंत्र पैनल के माध्यम से किए जाने की मांग की गई है।

CAG की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल

वर्तमान में CAG की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह प्रक्रिया निष्पक्षता की कमी को जन्म देती है और सरकार के प्रति पक्षपाती हो सकती है।

याचिका में मांग की गई है कि CAG की नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र पैनल गठित किया जाए, जिसमें प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को शामिल किया जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि नियुक्ति राजनीति से मुक्त और पारदर्शी तरीके से की जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को पहले से दाखिल एक अन्य याचिका के साथ जोड़ दिया है और केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। अदालत का यह कदम प्रशासनिक और संवैधानिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

CAG की भूमिका और उसकी महत्ता

CAG भारत की सर्वोच्च लेखा परीक्षक संस्था है, जो सरकारी खर्चों की निगरानी और ऑडिट का कार्य करती है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकार द्वारा किए गए वित्तीय लेनदेन नियमों और पारदर्शिता के मानकों के अनुरूप हों।

विपक्ष और अन्य दलों की प्रतिक्रिया

इस याचिका के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि CAG की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार से सरकारी वित्तीय कार्यों की निगरानी अधिक प्रभावी होगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।

क्या बदलाव हो सकते हैं?

यदि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सकारात्मक निर्णय लेता है, तो CAG की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एक स्वतंत्र चयन पैनल की सिफारिश लागू होने पर सरकार की सीधी भूमिका सीमित हो जाएगी, जिससे इस संवैधानिक पद की निष्पक्षता बनी रहेगी।

अगली सुनवाई कब?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर जवाब देने के लिए समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई कुछ सप्ताह बाद होने की संभावना है।

 

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