नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत पर आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में लगे आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया है. इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से उनकी सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बीसीसीआई के पास अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का अधिकार है. कोर्ट ने बीसीसीआई से श्रीसंत को सुनवाई का मौका देने और 3 महीने में सजा तय का आदेश दिया है. श्रीसंत पर स्पॉट फिक्सिंग के तहत लाइफ बैन लगाया गया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को तीन महीने के अंदर इस पर फिर से विचार करने को कहा है.
श्रीसंत पर से प्रतिबंध हटने के बाद उनके परिवार वालों ने इस पर खुशी जाहिर की है. श्रीसंत पर फैसला आने से पहले उनकी पत्नी भुनवेश्वरी ने अपनी बेटियों के साथ कोच्चि के पास दो मंदिरों में पूजा अर्चना की.
बता दें, श्रीसंत को अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण के साथ 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने तेज गेंदबाज को राहत देते हुए उन पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा दिया और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीसीसीआई से श्रीसंत को दी सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है.
शीर्ष अदालत ने हालांकि कहा कि श्रीसंत मैच फिक्सिंग और सट्टे के दोषी हैं.