सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की याचिका को कुछ समय के लिए टाल दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट में मार्च में होली के बाद इस मामले पर सुनवाई करेगा। ये याचिका विजय माल्या ने भारत में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उसकी संपत्ति जब्त करने के खिलाफ डाली है। बता दें कि 6 महीने पहले विजय माल्या ने अपने और अपने रिश्तेदारों के सभी संपत्तियों को जब्त करने पर रोक लगाने की मांग करते हुए विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले माल्या ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी, जोकि खारिज कर दी गई थी।
Supreme Court adjourns the plea of liquor baron Vijay Mallya seeking a stay on the proceedings initiated by the Enforcement Directorate (ED) to declare him a fugitive economic offender and confiscate his assets. Matter to be heard in March after Holi break of the court. pic.twitter.com/JGmY1v2QZS
— ANI (@ANI) February 18, 2020
बता दें कि गुरूवार(13 फरवरी) को अपने प्रत्यर्पण पर ब्रिटिश हाईकोर्ट के फैसला सुरक्षित रखते ही माल्या ने भारतीय बैंकों से वापस लेने की अपील की थी। शराब किंग के नाम से मशहूर माल्या ने बैंकों से कहा कि अपना 100 फीसदी मूलधन वापस ले लो।
ये भी पढ़ें- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर हादसा, 6 की मौत
सुनवाई खत्म होने के बाद माल्या ने अदालत के बाहर कहा था कि मैं बैंकों से हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि अपना पूरा मूलधन तत्काल वापस ले लें। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई, दोनों ही उसकी संपत्तियों को लेकर लड़ रही हैं और इस प्रक्रिया में उसके साथ उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है।
माल्या ने कहा कि मैं कह रहा हूं, बैंक कृप्या अपना पैसा वापस ले लें। ईडी कह रहा है कि इन संपत्तियां पर उसका दावा है। ऐसे में ईडी एक तरफ है और बैंक दूसरी तरफ उन्हीं संपत्तियों के लिए लड़ रहे हैं। माल्या से जब भारत लौटने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि मुझे वहीं होना चाहिए, जहां मेरा परिवार है, जहां मेरे हित हैं। यदि सीबीआई और ईडी तर्कसंगत होते तो यह एक अलग कहानी होती। पिछले चार साल से वे लोग जो भी मेरे साथ कर रहे हैं, वह पूरी तरह अनुचित है।