CAA और NRC के विरोध में पिछले दो महीने से शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन जारी है। जिसे लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों का पक्ष जानने के लिए दो वार्ताकार नियुक्त करने के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग मामले की आगे की सुनवाई 24 फरवरी की तारीख तय की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नियम के मुताबिक, प्रदर्शन करने की जगह जंतर-मंतर है। यह मुद्दा जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से हलफनामा देने को कहा है।
शाहीन बाग लोगों के जनजीवन से जुड़ा मुद्दा
अब सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि लोगों को अपनी आवाज समाज तक पहुंचाने का अधिकार है। हम अधिकारों की रक्षा के विरोध के खिलाफ नहीं हैं। लोकतंत्र में अपनी आवाज जरूर पहुंचाएं। समस्या दिल्ली के ट्रैफिक को लेकर है। लेकिन आप दिल्ली को जानते हैं, यहां के ट्रैफिक को भी जानते हैं। हर कोई सड़क पर उतरने लगे तो क्या होगा? यह जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा मुद्दा है।
Supreme Court starts hearing the petitions seeking appropriate directions to the Centre and others for removal of the Citizenship Amendment Act (CAA) protesters from Shaheen Bagh, near Kalindi Kunj. pic.twitter.com/O1TrgKUIR6
— ANI (@ANI) February 17, 2020
हमारी चिंता इस बात को लेकर अगर लोग सड़कों पर उतर आएं और प्रदर्शन से सड़क बंद कर दें तो क्या होगा? अधिकारों और कर्तव्य के बीच संतुलन जरूरी है। शीर्ष अदालत ने शाहीन बाग प्रदर्शन पर कहा कि वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े प्रदर्शनकारियों से बात करें। संजय हेगड़े ने पूर्व जस्टिस कुरियन जोसेफ से भी चलने की अपील की।
सुप्रीम कोर्ट की पिछली सुनवाई
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी सार्वजनिक जगह पर अनंतकाल तक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। हालांकि, सड़क खाली करवाने का कोई आदेश नहीं दिया गया था। बता दें कि यह सुनवाई उस याचिका पर चल रही थी जिसमें याचिकाकर्ता ने 2 महीने से बंद सार्वजनिक रास्ते को खोलने का आदेश देने को कहा था। याचिका में कहा गया था कि सार्वजनिक रास्तों को रोकने संबंधी गाइडलाइन जारी करें।