नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में पहले से ही मुसीबत में घिरे आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका आज खारिज कर दी और तुरंत सरेंडर का आदेश दिया।
सत्येंद्र जैन फिलहाल स्वास्थ्य कारणों के चलते अंतरिम जमानत पर थे। सत्येंद्र जैन को ईडी ने शराब घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में मई 2022 में गिरफ्तार किया था। चिकित्सा आधार पर कोर्ट ने उन्हें 26 मई 2023 को जमानत दी थी। तब उन्हें छह हफ्ते के लिए छोड़ा गया था, लेकिन बाद में धीरे-धीरे इसकी अवधि बढ़ती गई।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ ने आज सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका के संबंध में अपना फैसला सुनाया। इससे पहले जैन की ओर से उनके वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से अपने मुवक्किल को जमानत देने का आग्रह किया था। सिंघवी ने कोर्ट से अपील की थी कि उनकी जमानत से गवाहों के लिए किसी भी तरह का खतरा नहीं है।
वहीं ईडी ने पूर्व मंत्री की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जब भी वह जेल से बाहर आना चाहते हैं, तो वह चिकित्सा आधार पर जमानत लेते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बेल अर्जी नामंजूर करते हुए जैन को तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया है। आप नेता सत्येंद्र जैन 26 मई 2023 से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर मेडिकल बेल पर हैं। इससे पहले 25 सितंबर को कोर्ट ने सत्येंद्र की अंतरिम जमानत को 9 अक्टूबर तक बढ़ाया था। पिछली सुनवाई में कहा गया था कि उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी जरूरी काम के चलते कोर्ट में पेश नहीं हो पाएंगे। ऐसे में कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत बढ़ा दी थी।