सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (5 अगस्त) को दिल्ली कोचिंग सेंटर में हुई मौतों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आए अभ्यर्थियों के जीवन से खेल रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह घटना आंखें खोलने वाली थी और किसी भी संस्थान को तब तक संचालन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जब तक कि वे सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करते.
केंद्र-दिल्ली सरकार को SC का नोटिस
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटर्स में सुरक्षा मानदंडों से संबंधित मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया. कोर्ट ने कोचिंग संस्थानों में युवा अभ्यर्थियों की जान लेने वाली हालिया घटनाओं पर चिंता व्यक्त की. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी से जवाब दाखिल कर यह बताने को कहा कि अब तक कौन से सुरक्षा मानदंड निर्धारित किए गए हैं.
3 यूपीएससी अभ्यर्थियों की मौत
शुक्रवार को, दिल्ली हाई कोर्ट ने पुराने राजिंदर नगर में राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल में तीन छात्रों की मौत की जांच दिल्ली पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को स्थानांतरित कर दी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता को जांच पर कोई संदेह नहीं है.
मरने वाले तीन लोग उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) थे. कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी घुसने से उनकी मौत हो गई. इस हादसे से गुस्साए छात्रों ने तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की याद में मोमबत्तियां जलाईं. घटना के बाद से विभिन्न कोचिंग संस्थानों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया.