सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस मामले में ढिलाई बरतने को लेकर बिहार सरकार पर फटकार लगाने के बाद अब कोर्ट ने बिहार शेल्टर होम केस से जुड़े सभी मामलों की जांच के लिए खुफिया एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पेश हुए वकील को कोर्ट ने आदेश दिया कि है कि वे 17 शेल्टर होम में से 9 में यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रहा है उनके नाम टीआईएसएस रिपोर्ट में दे.
कोर्ट ने यह भी कहा कि आप (बिहार सरकार) क्या कर रहे हैं? यह शर्मनाक है. अगर बच्चे के साथ कुकर्म हो रहा है और आप कहते है कि यह कुछ भी नहीं है. भला आप यह कैसे कर सकते हैं? यह अमानवीय है। हमें बताया गया कि मामला बड़ी गंभीरता से देखा जाएगा, यह गंभीरता है? हर बार जब मैं इस फाइल को पढ़ता हूं तो यह दुख होता है.
Supreme Court says, “What are you (Bihar govt) doing? It’s shameful. If the child is sodomised you say it’s nothing? How can you do this? It’s inhuman. We were told that matter will be looked with great seriousness, this is seriousness? Every time I read this file it’s tragic.” https://t.co/jRTxusLQfK
— ANI (@ANI) November 27, 2018
कोर्ट ने कहा कि जब हमने पाया कि धारा 377 (बलात्कार) और पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामला बना है, लेकिन आपने प्राथमिकी (एफआईआर) ही दर्ज नहीं, क्या सरकार के खिलाफ आदेश पारित करें.
Supreme Court asks counsel appearing for the CBI lawyer to take instruction if CBI can investigate the cases relating to sexual assault in nine out of 17 shelter homes in Bihar named in the TISS report.
— ANI (@ANI) November 27, 2018