दिल्ली में जल संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, आपातकालीन बैठक बुलाने का दिया निर्देश

नई दिल्ली। भीषण गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जल संकट की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए आपातकालीन बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पानी की समस्या से निजात पाने के लिए अपर यमुना रिवर बोर्ड की 5 जून को एक इमरजेंसी बैठक बुलाई जाए और इसमें केंद्र, दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल सरकार के प्रतिनिधि शामिल हों। इस मामले पर अगली सुनवाई अब इमरजेंसी बैठक के एक दिन बाद 6 जून को होगी। सुनवाई के दौरान जल संकट को दूर करने के लिए राज्यों के सुझावों को कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा।

गौरतलब है कि दिल्ली की आम आदमी सरकार ने पानी की समस्या के चलते 31 मई को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। केजरीवाल सरकार की ओर से दायर की गई इस याचिका में मांग की गई है कि मौजूदा जल संकट को देखते हुए पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए दिल्ली को अतिरिक्त पानी दिया जाए। इससे पहले दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी ने रोप लगाया था कि हरियाणा सरकार यमुना में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ रही है, इससे दिल्ली में जल संकट की समस्या होती जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड ने बड़ा फैसला लेते हुए आदेश भी जारी किया अगर कोई भी दिल्ली में पानी का दुरुपयोग करते पकड़ा जाएगा तो उससे 2000 हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा।

दूसरी तरफ, दिल्ली में गहराते जल संकट को लेकर उपराज्यपाल (एलजी) वी. के. सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार को घेरते हुए गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। वीके सक्सेना ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अपनी अक्षमता को छिपाना दिल्ली सरकार की आदत बन गई है। वे अपनी हर विफलता के लिए दूसरों को दोषी ठहराते हैं और सोशल मीडिया, प्रेस, कॉन्फ्रेंस और कोर्ट-कचहरी करके अपनी जिम्मेदारियों से बचते हैं। मेरा मानना है कि दिल्ली में पानी की कमी केवल सरकार के कुप्रबंधन के कारण है।

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