इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने यौन शोषण के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को जमानत दे दी है। लेकिन, इस पूरे प्रकरण में शुरू से सवालों के घेरे में रही पीड़िता की भूमिका पर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है। अदालत ने जमानत का आदेश देते हुए यह जोड़ा है कि दोनों पक्षों ने अपनी सीमाएं लांघी, लिहाजा यह फैसला कर पाना मुश्किल है कि किसने किसका इस्तेमाल किया? हाईकोर्ट ने निष्कर्ष में यह भी जोड़ा कि वस्तुतः दोनों ने ही एक-दूसरे का इस्तेमाल किया. ‘राजसत्ता एक्सप्रेस’ ने भी इस प्रकरण में कथित पीड़िता और उसके दोस्तों की भूमिका पर सवाल खड़े किये थे, जिनकी तस्दीक इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी की है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद उत्तर प्रदेश के शाजहांपुर से ताल्लुक रखते हैं। वहां उनका विशाल मुमुक्षु आश्रम
है, जिसके अंतर्गत एक लॉ कालेज भी संचालित है। इसी लॉ कॉलेज की एक छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। दरअसल छात्रा और उसके साथियों ने चिन्मयानंद के कुछ वीडियो लीक किये थे, जिसमें चिन्मयानंद आरोप लगाने वाली छात्रा से नग्न अवस्था में मसाज करवाते हुए नज़र आ रहे हैं। हालंकि चिन्मयानन्द समर्थकों ने भी जवाब में एक वीडियो जारी किया था जिसमें छात्रा और उसके दोस्त चिन्मयानंद ने मसाज वाले वीडियो के एवज में फिरौती मांगने सम्बन्धी बातचीत करते हुए नज़र आ रहे थे। लेकिन पुलिस ने छत्रा की शिकायत पर चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर 20 सितंबर 2019 को जेल भेज दिया था. उसके बाद अब जाकर सोमवार 3 जनवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चिन्मयानंद को जमानत दी है।
‘राजसत्ता एक्सप्रेस’ ने पूरे मामले पर उसी वक़्त एक निष्पक्ष रिपोर्ट की थी। जिसमें आरोप लगाने वाली लड़की की मंशा पर सवाल उठाए गए थे। यह सही है कि चिन्मयानंद यौनाचार और लड़कियों से मसाज वगैरह के शौकीन थे, मगर जिस लड़की ने खुफिया कैमरे से मसाज करते हुए रिकार्ड किया उसपर कोई तात्कालिक दबाव या जान का खतरा जैसा नहीं था। उसने अपने दोस्तों के योजनाबद्ध तरीके से चिन्मयानद के बुलाव पर जाकर उनकी मसाज की और सबकुछ चश्मे में लगे कैमरे में रिकार्ड किया। इसमें आश्चर्यजनक यही रहा कि चिन्मयानंद उसका बुला बुलाकर यौन शोषण करते रहे मगर लड़की ने अपने माता-पिता, किसी रिश्तेदार या पुलिस की बजाय दोस्तों के साथ लम्बे वक़्त तक अपना शोषण खुफिया कैमरे में रिकार्ड किया।
देखें वीडियो: राजसत्ता एक्सप्रेस के संपादक पंकज शुक्ला का चिन्मयानंद मामले पर आंकलन
चिन्मयानंद को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने भी पीड़िता को लेकर तमाम सवाल खड़े किए. न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने कहा, ‘एक लड़की जिसकी वर्जिनिटी दांव पर थी, उसने अपने माता-पिता या कोर्ट के सामने एक शब्द नहीं बोला.’ ये आश्चर्यजनक है.
देखें वीडियो : क्या सिर्फ 25 लाख के लालच में फंस गए चिन्मयानंद !
कोर्ट ने यह भी कहा, ‘इतना ही नहीं, उस बुरे समय के दौरान लड़की ने खुद खुफिया कैमरे वाला चश्मा खरीदा, जिसके जरिए आरोपी की नग्न तस्वीरें ली गईं और वीडियो रिकॉर्ड किए गए और उनका इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग के लिए किया गया और फिरौती की मांग की गई.’ यौन शोषण की घटना पर उच्च न्यायालय ने कहा है कि उस दौरान दोनों लोगों पक्षों ने अपनी सीमाएं लांघी, ऐसे में यह निर्णय करना मुश्किल है कि किसने किसका इस्तेमाल किया? यह कहना गलत नहीं होगा कि दोनों ने ही एक-दूसरे का इस्तेमाल किया.