Saturday, April 12, 2025

पीएम मोदी का 14 साल पुराना ट्वीट हुआ वायरल, लोगों ने कहा- ‘मोदी है तो मुमकिन है’

26/11 मुंबई हमलों के अहम आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की अमेरिका से भारत वापसी के बाद सोशल मीडिया पर एक 14 साल पुराना ट्वीट सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त वायरल हो रहा है। यह ट्वीट कोई आम पोस्ट नहीं, बल्कि उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी का 2011 का ट्वीट है, जिसने आज फिर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है – क्या मोदी वाकई दूरदर्शी लीडर हैं?

यह लिखा था तब गुजरात के सीएम मोदी ने अपने ट्वीट में

बात 2011 की है, दरअसल 2011 में अमेरिकी अदालत ने राणा को मुंबई हमले में सीधे तौर पर दोषी नहीं माना, तब मोदी ने X (तत्कालीन ट्विटर) पर लिखा था: “अमेरिकी कोर्ट का तहव्वुर राणा को निर्दोष ठहराना भारत की संप्रभुता का अपमान है। यह हमारी विदेश नीति की एक बड़ी विफलता है।” उस दौर में उनके इस ट्वीट को तत्कालीन यूपीए सरकार की सख्त आलोचना माना गया था, लेकिन आज जब राणा को भारत लाया जा चुका है, तो यही ट्वीट सोशल मीडिया पर फिर से सुर्खियां बटोर रहा है।

लोगों ने कहा, ‘मोदी है तो मुमकिन है’

पीएम मोदी के इस पुराने ट्वीट को देखकर सोशल मीडिया यूजर्स तारीफों के पुल बांध रहे हैं। एक यूजर ने लिखा – “लीडर वही जो बातों को निभाए, कैप्टन माय कैप्टन!” इसी तरह एक अन्य यूजर ने लिखा, “सर, आपने कर दिखाया! सलाम है आपको।” सैकड़ों लोगों ने ट्वीट शेयर करते हुए एक ही नारा दोहराया – “मोदी है तो मुमकिन है।”

कई सालों की मेहनत छिपी है तहव्वुर को भारत लाने में

26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए सरकार लंबे समय से प्रयास कर रही थी। अमेरिकी अदालतों में उसके हर स्टेटमेंट की काट दी गई। अमेरिका के साथ अच्छे रिलेशन बनाने सहित भारत की अन्तरराष्ट्रीय कूटनीति ने भी इसमें अहम योगदान दिया। आखिर में जब अमेरिका ने राणा के भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी तो 10 अप्रैल की शाम राणा को अमेरिका से एक विशेष विमान के ज़रिए दिल्ली लाया गया। इसके बाद उसे 18 दिन की NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) की हिरासत में भेज दिया गया है। यह कदम आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति को दर्शाता है।

तहव्वुर राणा के बचपन के दोस्त ने ही किया था खुलासा

आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा का नाम सामने लाने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका बचपन का दोस्त डेविड कोलमैन हेडली था – वही शख्स जिसे हमले का मास्टरमाइंड माना गया। हेडली ने जांच एजेंसियों को बताया कि उसने भारत में हमलों की तैयारी के लिए 2007 और 2008 के बीच पांच बार रेकी की थी। इन सभी यात्राओं में राणा की मदद से उसे वीज़ा मिला और उसने मुंबई में एक ऑफिस भी खोला, जो असल में आतंकियों की छिपी हुई गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होता था। जांच में यह भी सामने आया कि हमले से कुछ समय पहले राणा, अपनी पत्नी के साथ ताज होटल में ठहरा था – वही होटल जो हमले का मुख्य निशाना बना।

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