काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान का ‘आम माफी’ का एलान, जाने पूरा मामला

काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान का ‘आम माफी’ का एलान, अफगानिस्तान की महिलाओं को लेकर की ये अपील

तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान में मंगलवार को ‘आम माफी’ की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने का आह्वान किया. इसके साथ ही तालिबान ने काबुल में उत्पन्न संशय की स्थिति को शांत करने की कोशिश है, जहां एक दिन पहले उसके शासन से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहे लोगों की वजह से हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला था.

तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समनगनी ने पहली बार संघीय स्तर पर शासन की ओर से टिप्पणी की है. काबुल में उत्पीड़न या लड़ाई की बड़ी घटना अब तक दर्ज नहीं की गई है और तालिबान द्वारा जेलों पर कब्जा कर कैदियों को छुड़ाने एवं हथियारों को लूटने की घटना के बाद कई शहरी घरों में मौजूद हैं, लेकिन भयभीत हैं.

पुरानी पीढ़ी तालिबान की अतिवादी विचार को याद कर रही है, जब 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क पर हमले के बाद अमेरिका की अफगानिस्तान में घुसपैठ से पहले सजा के तौर पर पत्थर से मारने और सार्वजनिक तौर पर फांसी की सजा दी जाती थी.

समानगनी ने कहा, ‘‘इस्लामी अमीरात नहीं चाहता कि महिलाएं पीड़ित हों. उन्हें शरीया कानून के तहत सरकारी ढांचे में शामिल होना चाहिए.’’ उन्होंने कहा,‘‘ सरकार का ढांचा अब तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन अनुभवों के आधार पर, कह सकता हूं कि यह पूर्णत: इस्लामिक नेतृत्व वाला होगा और सभी पक्ष इसमें शामिल होंगे.’’

इस बीच, मंगलवार को नाटो के अफगानिस्तान में वरिष्ठ नागरिक प्रतिनिधि स्टीफेनो पोंटेकार्वो ने वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें दिख रहा है कि हवाई अड्डे की उड़ान पट्टी खाली है और अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. तस्वीर में चैन से बनी सुरक्षा दीवार के पीछे सेना का मालवाहक विमान को देखा जा सकता है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘रनवे खुल गया है. मैं विमानों को उड़ान भरते और उतरते देख रहा हूं.’’ फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक, रात में अमेरिकी नौसेना कमान का केसी-130जे हरक्युलिस विमान काबुल हवाई अड्डे पर उतरा और इसके बाद कतर स्थित अमेरिकी ठिकाने अल उदेद के लिए रवाना हो गया. यह अमेरिकी सेना के मध्य कमान का मुख्यालय है. अब तक अफगान हवाई क्षेत्र में कोई दूसरा विमान नहीं देखा गया है.

Previous articleबच्ची से दुष्कर्म और फिर हत्या करने वाले दरिंदे को 55 दिनों में फांसी
Next articleछत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का असर, प्रदेश लाखों बच्चे कुपोषण मुक्त