अफगानिस्तान के दक्षिणी हेलमंद प्रांत में तालिबान के ठिकानों पर रात में हुए अमेरिकी और अफगान बलों के हवाई हमलों में चरमपंथी समूह को बहुत नुकसान पहुंचा है. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि लश्कर गाह की प्रांतीय राजधानी के ज्यादातर हिस्सों पर तालिबान का कब्जा होने के बाद यह कार्रवाई की गई है.
संघर्ष तेज होने के बीच संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठन ने दोनों पक्षों से असैन्य नागरिकों के जीवन को क्षति पहुंचाने से बचने की अपील की है. युद्ध से जर्जर देश से अमेरिका और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद पिछले कुछ महीनों में तालिबान ने संघर्ष तेज कर दिया है. चरमपंथी समूह ने ग्रामीण क्षेत्रों पर काफी हद तक नियंत्रण कर लिया है और अब अपनी बंदूकें शहरों की ओर की हैं.
हेलमंद प्रांत से अफगान सांसद गुलाम वली अफगान ने बताया कि लश्कर गाह में रहने वाले उनके रिश्तेदारों और समर्थकों से सूचना मिली है कि सड़कों पर शव बिखरे हुए हैं, लोग अपने घरों में छुपे हुए हैं और डर के कारण शव लेने भी बाहर नहीं आ रहे हैं. भारी हवाई हमले की रात के बाद रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि लश्कर गाह में तालिबान को बहुत नुकसान पहुंचा है, हालांकि अभी तक इस बयान की पुष्टि नहीं हो सकी है. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कोई नुकसान होने की बात से इनकार किया है.
वहीं अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अतमार ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आपात सत्र बैठक बुलाने की अपील की है. अतमार का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र और अंतराष्ट्रीय बिरादरी को तालिबान की हिंसा और अत्याचार से सामने आ रही त्रासदी को रोकने के लिए महती भूमिका निभानी चाहिए.