नई दिल्ली: अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार अब अपने पुराने रंग में नजर आ रही है। तालिबान सरकार ने रविवार को जिस “ इस्लामिक धार्मिक दिशा – निर्देश “ को जारी किया है उसमें एक बार फिर पुरानी परंपरा दिखाई दे रही है। महिलाओं को पहले काम करने की आज़ादी की बात कही जा रही थी , परन्तु कल जारी हुए दिशा -निर्देश के अनुसार एक बार फिर रूढ़िवादी जंजीरों में महिलाओं को कैद किया जा रहा है।
इस नए गाइडलाइन के अनुसार देश में TV चैनलों पर सीरियल या डेली सोप में महिला एक्ट्रेस नहीं दिखाई जा सकती हैं। इतना ही नहीं तालिबान ने महिला कलाकारों के साथ बने सारे पुराने सीरियल के टेलीकास्ट को भी बंद करने के निर्देश दिए हैं। तालिबानी फरमान में यह भी कहा गया है कि महिला टेलीविजन पत्रकार एंकरिंग करते वक्त हिजाब पहनें।
तालिबानी मंत्रालय ने उन फिल्मों या कार्यक्रमों पर बैन लगाने का आह्वान किया जो इस्लामी और अफगान मूल्यों के विरुद्ध हैं। मंत्रालय ने चैनलों से उन फिल्मों या कार्यक्रमों को भी प्रसारित नहीं करने के लिए कहा जिसमें पैगंबर मोहम्मद या अन्य सम्मानित व्यक्ति दिखाए जाते हों। मंत्रालय के प्रवक्ता हकीफ मोहजिर ने कहा कि ये नियम नहीं बल्कि धार्मिक गाइडलाइन हैं।
आपको बता दें कि तालिबानी हुकूमत ने विश्वविद्यालयों में महिलाएं क्या पहन सकती हैं और क्या नहीं , इसके संबंध में पहले ही कानून लागू कर चुकी है। इतना ही नहीं विश्व को बताती है कि वो प्रेस की आजादी के प्रति प्रतिबद्ध है , परन्तु हकीकत में जब तब अफगान जर्नलिस्टों को पीटा और परेशान किया जाता है। नए गाइडलाइन रविवार देर रात सोशल मीडिया नेटवर्क पर व्यापक रूप से प्रसारित किए गए।