टाटा ग्रुप ने सबसे बड़ी बोली लगाकर ,एयर इंडिया को कराई घर वापसी !

नई दिल्ली :भारत सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश के लिए रणनीति बना ली है। सरकार ने कहा है कि एयर इंडिया में निवेश करने के लिए कई समूहों ने वित्तीय बोली लगाई है। इस एयरलाइन को खरीदने वालों की रेस में टाटा संस समेत कई कंपनियां भाग ली  हैं। फिलहाल टाटा संस को सबसे बड़े दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। टाटा ग्रुप की इस कंपनी ने एयर इंडिया को खरीदने के लिए दिलचस्पी दिखाई है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो इस वर्ष  के अंत तक टाटा ग्रुप  के कब्जे में तीसरी बड़ी एयरलाइन आ जाएगी। वर्तमान में टाटा समूह की एयर एशिया और विस्तारा में भी हिस्सेदारी है।
टाटा ग्रुप के द्वारा हुई थी शुरुआत
वर्ष  1932 में Air India की शुरुआत टाटा ग्रुप ने ही की  थी। टाटा समूह के जे. आर. डी. टाटा (JRD Tata) ने इसकी शुरुआत की थी जो कि खुद भी एक बेहद कुशल पायलट थे।
जाने कैसे बनी सरकारी कंपनी  ….
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई तो इसका नाम Air India रखकर इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया। वर्ष  1947 में जब देश आज़ाद हुआ तो इसके बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई। ऐसे में भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली। भारत सरकार ने इसके बाद 1953 में एयर कारपोरेशन एक्ट पास किया और Tata Group से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली। ऐसे Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी में बदल गयी ।

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