इस्लामाबाद। आर्थिक तंगी से पाकिस्तान परेशान है। वहीं, महंगाई से आम जनता की हालत खराब है। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से 3 अरब डॉलर का कर्ज लेकर अपनी खराब माली हालत ठीक करने की कोशिश की। इस रकम से पाकिस्तान का काम तो चल रहा है, लेकिन अब आईएमएफ ने अपनी रकम की वसूली के लिए उस पर कड़ी शर्तें डाल दी हैं।
जानकारों के मुताबिक आईएमएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वो 1 लाख रुपए और इससे ज्यादा पेंशन पर टैक्स लगाए। साथ ही आईएमएफ ने पाकिस्तान से ये भी कहा है कि वो जीएसटी में 1 फीसदी की बढ़ोतरी करे। पाकिस्तान में अभी चीजों पर 17 फीसदी जीएसटी लगती है।
जानकारी के मुताबिक आईएमएफ ने पाकिस्तान से ये भी कहा है कि वो 3 सरकारी बीमा कंपनियों का निजीकरण भी करे। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की सरकार आईएमएफ की इन शर्तों को मानते हुए संसद से संबंधित प्रस्ताव पास करा सकती है। अगर पाकिस्तान सरकार इन आर्थिक सुधारों को लागू करती है, तो आम लोगों पर महंगाई की मार एक बार फिर पड़ने के आसार हैं। जानकारी के मुताबिक आईएमएफ का दल अभी पाकिस्तान में है और वो शर्तों को मनवाने के बाद रवाना होगा।
इसकी वजह से आम लोग बहुत दिक्कत में दिन गुजार रहे हैं। पिछले दिनों इसी महंगाई के खिलाफ पीओके में जमकर बवाल हुआ था। जिसमें पाकिस्तान के एक पुलिसकर्मी की जान भी गई थी। पाकिस्तान को उसके पुराने दोस्त चीन से भी आर्थिक मदद नहीं मिल रही है। बीते दिनों ये बड़ी खबर भी आई थी कि पाकिस्तान अपने एक और पुराने दोस्त सऊदी अरब को बलूचिस्तान स्थित तांबा और सोना की खदानें बेचने जा रहा है।