भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए टेस्ट मैच में भारत को एक शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। मुंबई में हुए इस आखिरी टेस्ट में न्यूजीलैंड ने भारत को 25 रनों से हराकर 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप किया। यह हार भारतीय क्रिकेट के लिए एक काला दिन साबित हुई है, क्योंकि इससे पहले भारत को कभी भी अपने घर पर किसी टीम के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप नहीं झेलना पड़ा था।
इस टेस्ट मैच की शुरुआत में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 235 रन बनाए। इसके जवाब में भारतीय टीम ने 263 रनों का स्कोर खड़ा किया, जिससे भारत को पहली पारी में बढ़त मिली। लेकिन दूसरी पारी में न्यूजीलैंड ने 174 रन बनाए और भारत के सामने 147 रनों का लक्ष्य रखा। भारतीय बल्लेबाजी एक बार फिर बिखर गई और पूरी टीम 121 रनों पर ही सिमट गई। इस प्रकार भारत को मुंबई टेस्ट में 25 रन से हार मिली और सीरीज में उन्हें क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा।
घरेलू मैदान पर पहली बार हार का सामना
न्यूजीलैंड ने भारत को उसके घर पर 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप करने वाली पहली टीम बनने का गौरव हासिल किया। इससे पहले, भारतीय टीम ने अपने घर पर 1933 से लगातार टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए कभी भी इस तरह की हार का सामना नहीं किया था। 91 सालों में यह पहली बार है कि भारतीय टीम को उसके घर पर 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में हार मिली है।
24 साल बाद हुआ ऐसा
यह हार रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम के लिए एक बड़ा धब्बा साबित हुआ है। 24 साल बाद भारत को अपने घरेलू मैदान पर किसी टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 2000 में सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में भारत को श्रीलंका के हाथों 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा था।
फैंस की निराशा
इस हार के बाद भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में गहरा निराशा का माहौल है। फैंस ने उम्मीद की थी कि टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन बल्लेबाजों की विफलता ने उन्हें निराश कर दिया। इस हार से सवाल उठने लगे हैं कि क्या रोहित शर्मा को कप्तान बनाए रखना चाहिए या फिर नई नेतृत्व में बदलाव की जरूरत है।
भविष्य की चुनौतियाँ
भारतीय टीम को अब अपने प्रदर्शन में सुधार करने की आवश्यकता है। आगामी सीरीज में टीम को मजबूती से वापसी करने की जरूरत है। खिलाड़ियों को इस हार से सबक लेना होगा और अपनी क्षमताओं पर काम करना होगा ताकि भविष्य में इस तरह की हार का सामना न करना पड़े।