पटना: लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर देश में राजनीतिक सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) प्रमुख नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को छोड़कर महागठबंधन में शामिल होना चाहते थे। सरकार बनाने के कुछ महीने बाद से ही उनका एनडीए से मोहभंग होने लगा था। लालू प्रसाद यादव की जल्द ही रिलीज होने वाली पुस्तक ‘गोपालगंज टू रायसीना माय पॉलिटिकल जर्नी’ का हवाला देते हुए तेजस्वी यादव ने इस बात का जिक्र किया है।
आपको बता दें कि लालू यादव ने अपनी किताब ‘गोपालगंज टु रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी में दावा किया है कि नीतीश कुमार वापस महागठबंधन में आना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने अपने दूत प्रशांत किशोर को मेरे पास भेजा था। लेकिन, मैंने मना कर दिया था। तेजस्वी ने इस खुलासे पर मुहर लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार का महागठबंधन में दुबारा लौटने का मन था और प्रशांत किशोर इसके लिए मेरे पास भी आए थे। इसके साथ ही कांग्रेस के लोग भी मेरे पास आए थे हमें मनाने लेकिन हमने मना कर दिया।
Tejashwi Yadav on Nitish Kumar wanted to rejoin mahagatbadhan says Lalu in upcoming book: I say this with full responsibility, Nitish Kumar made many attempts to get back and ally with us, he tried many different approaches, that also within 6 months of returning to NDA pic.twitter.com/gdGJTFaP0b
— ANI (@ANI) April 5, 2019
लालू प्रसाद यादव की इस किताब में दावा किया गया है कि दोबारा महागठबंधन में शामिल होने के लिए नीतीश कुमार ने अपने सहयोगी प्रशांत किशोर को 5 बार उनके पास बातचीत के लिए भेजा। लेकिन लालू ने नीतीश को वापस महागठबंधन में लेने से साफ इनकार कर दिया। लालू की इस किताब को माने तो उन्होंने नीतीश कुमार की महागठबंधन में दोबारा एंट्री पर इसलिए रोक लगा दिया क्योंकि नीतीश ने उनका भरोसा तोड़ दिया था और वह उन पर दोबारा विश्वास नहीं कर सकते थे।
किताब में यह भी कहा गया है कि उन्हें नीतीश कुमार से कोई नाराजगी नहीं थी, मगर उन्हें इस बात को लेकर चिंता थी कि अगर उन्होंने प्रशांत किशोर की बात मानकर नीतीश को दोबारा महागठबंधन में शामिल कर लिया तो बिहार की जनता इसको किस तरीके से लेगी। लालू ने इस किताब में यह भी दावा किया है कि नीतीश कुमार को फिर से महागठबंधन में शामिल कराने के लिए प्रशांत किशोर ने उनके बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी। प्रशांत किशोर ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि अगर ऐसा होता है तो लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की उत्तर प्रदेश और बिहार में बड़ी जीत होगी और बीजेपी को इन दोनों राज्यों से समाप्त कर दिया जाएगा।