विकास हमारा लक्ष्य है , लाउडस्पीकर और थाली बजाना नहीं : – उद्धव ठाकरे

 

देश में सुप्रीम कोर्ट के लाउडस्पीकर हटाए जाने वाले आदेश पर हर राज्य में अलग अलग स्तर से राजनीति तेजी पकड़ रही है। यह मामला है महाराष्ट्र की जहां पर ठाकरे परिवार एक दूसरे के खिलाफ़ बयान बाज़ी करते नजर आ रहे हैं। महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर हमला किया । साथ में भाजपा के वरिष्ट नेता लाला कृष्ण आडवाणी और बाला साहब ठाकरे की एक आपसी बातचीत को भी सामने रखा है ।

महाराष्ट्र में पहले लाउडस्पीकर और फिर हनुमान चालीसा के बहाने उद्धव सरकार पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। हालांकि, सरकार का दोनों ही मसलों पर आक्रामक रुख जारी है।

एक स्थानीय मीडिया संस्थान से एक इंटरव्यू के दौरान, उद्धव ठाकरे ने मनसे द्वारा संचालित लाउडस्पीकर हटाओ अभियान पर कहा की ये सब मार्केटिंग करने वाले लोग , झंडा बदलने वाले लोग हैं । ये वही लोग है जो कभी गैर मराठी लोगो पर हमला करते थे , अब गैर हिन्दू लोगो पर हमला कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे का कहना था की यह आदेश सुप्रीम कोर्ट का है जो की किसी एक धर्म के लोगों पर लागू नहीं होता है, बल्कि सभी धर्मो पर सामान्य रूप से लागू होता है।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारे सरकार का सिर्फ एक ध्येय है विकास और रोजगार उपलब्ध करना राज्य से गरीबी तथा रोजमरा के जरूरतों की दूर करना है। हमारी सरकार थाली पिटवाने में यकीन नहीं रखती है , हम थाली में भोजन परोसने पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करते हैं।

जहां तक बात मोदी से संबंध की है तो वो देश के प्रधानमंत्री है उनसे हमारे संबध बहुत अच्छे हैं , इससे पहले भी अच्छे थे और आगे आने वाले दिनों में संबंध में कोई खटास उत्पन नहीं होगा।

बातचीत के दौरान उद्धव ठाकरे ने गोधरा दंगों के बाद के हुई एक कहानी बताई। ठाकरे ने कहा कि गोधरा दंगों और गुजरात हिंसा के बाद एक कैंपेन चला था- मोदी हटाओ। इस पर लाल कृष्ण आडवाणी जी ने बाला साहेब ठाकरे जी से राय लिया की क्या किया जाए तो बाला साहेब ने कहा था कि मोदी को हटाओगे तो गुजरात से हाथ दो बैठोगे इसलिए उसे मत छुओ। मगर इन सभी बातों के उपरांत उद्धव ठाकरे ने कहा की संबंध अच्छा है मगर गठबंधन की दूर तलक कोई आसार नहीं है।

इस बीच में ठाकरे ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी निशाना बनाया । उन्होनें कहा कि हमारे पास उचित आंकड़े नहीं हैं कि कोविड के दौरान यूपी में कितने लोगों की जाने गई । क्योंकि गंगा में लाशों की संख्या उसकी साक्ष्य है।

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