ताइवान की सरकार ने कहा कि मंगलवार को चीनी वायु सेना के 28 विमानों ने उसके वायु क्षेत्र में चीन ने घुसपैठ की. इनमें लड़ाकू और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बमवर्षक विमान शामिल हैं. ताइवान के सीमा में चीन की यह अब तक की सबसे बड़ी घुसपैठ है.
हालांकि, चीन की ओर से इस पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है. यह खबर तब आई जब जी-7 ग्रुप के लीडर्स ने रविवार को चीन को फटकार लगाते हुए एक जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया था और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए कहा था. जी-7 नेताओं ने चीन से ताइवान जलडमरूमध्य मुद्दे को शांतिपूर्वक हल करने का आह्वान भी किया था. ताइवान ने पिछले कुछ महीनों में चीन की वायु सेना द्वारा बार-बार उसके क्षेत्र में घुसपैठ करने की शिकायत की गई है.
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि लेटेस्ट चीनी मिशन में 14 J-16 और छह J-11 लड़ाकू विमानों के साथ-साथ चार H-6 बमवर्षक शामिल हैं, जो परमाणु हथियार ले जाने और पनडुब्बी रोधी, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और प्रारंभिक चेतावनी सिस्टम से लैस हैं. मंत्रालय द्वारा पिछले साल ताइवान के एडीआईजेड में चीनी वायु सेना की गतिविधियों की नियमित रूप से रिपोर्टिंग शुरू करने के बाद से यह सबसे बड़ी दैनिक घुसपैठ थी.
मंत्रालय ने कहा कि ताइवान के लड़ाकू विमानों को चीनी विमानों को रोकने के लिए भेजा गया था और उनकी निगरानी के लिए मिसाइल सिस्टम भी तैनात किए गए थे. वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मंगलवार को जी-7 समूह पर चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया.