हरियाणा में मुख्यमंत्री पद का समीकरण, नायब सिंह सैनी या कोई और?

नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने जीत हासिल कर अपनी सत्ता में हैट्रिक लगा दी है। अब अगला बड़ा कदम है विधायक दल का नेता चुनना। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस जिम्मेदारी के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। जबकि पहले नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया गया था, अब राज्य की सियासत में कुछ अन्य सीनियर नेताओं का नाम भी चर्चा में है।

अनिल विज और राव इंद्रजीत की दावेदारी

हरियाणा चुनाव से पहले, पूर्व गृहमंत्री अनिल विज और सीनियर नेता राव इंद्रजीत सिंह ने सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। अनिल विज ने बार-बार मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई और कहा कि वह पार्टी के सबसे सीनियर नेता हैं। वहीं, राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम क्षेत्र को तवज्जो देने की बात की थी। हालांकि, अब दोनों ने अपने दावे वापस ले लिए हैं और कहा है कि पार्टी में किसी तरह की अनबन नहीं है।

सैनी का नाम सबसे आगे

अब केवल नायब सिंह सैनी ही सीएम पद के मुख्य दावेदार बने हैं। बीजेपी के आलाकमान ने पहले ही सैनी के नाम की घोषणा कर दी थी, और उनकी अगुवाई में ही चुनाव लड़ा गया था। माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नायब सिंह सैनी का नाम ही चुना जाएगा।

ओबीसी वोट बैंक का ध्यान

नायब सिंह सैनी की जाति हरियाणा में ओबीसी में आती है, और उनकी जनसंख्या करीब 8 फीसदी है। कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, हिसार और रेवाड़ी जैसे जिलों में यह समुदाय काफी संख्या में है। बीजेपी ने ओबीसी खासकर सैनी वोट बैंक को साधने के लिए सैनी के नाम पर मुहर लगाई है।

नायब सैनी का महत्व

हरियाणा में बीजेपी की साख बचाने के लिए नायब सिंह सैनी ने कई मौकों पर खुद को साबित किया है। वह मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं और उनकी छवि को सुधारने में योगदान दिया है। चुनाव के दौरान एंटी-इन्कंबेंसी की भावना को कम करने में भी सैनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

 

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