लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( UP Chief Minister Yogi Adityanath) भले ही उत्तर प्रदेश ( UP ) में जीरो टॉलरेंस का दावा करते हों, लेकिन भ्रष्टाचार की जड़े हैं कि प्रदेश से उखडऩे का नाम नहीं ले रहीं. भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े में लिप्त एक ऐसा ही मामला यूपी के फर्रुखाबाद से सामने आया है. यहां बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) में फर्जी सर्टिफिकेट्स के आधार पर नौकरी कर रही एक महिला शिक्षक की जानकारी लगी हेै. शिक्षा विभाग ने इस मामले में जांच के आदेश दिए. लेकिन कुछ दिनों बाद ही विभाग को महिला शिक्षक (female teacher) की मौत की खबर मिली. जिसके बाद विभाग ने जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया.
फर्जी शिक्षिका 50 लाख रुपए से अधिक वेतन उठा चुकी
इस बीच विभाग को शिक्षिका के जिंदा होने की सूचना मिली, तो हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि फर्जी शिक्षिका अब तक विभाग से 50 लाख रुपए से अधिक वेतन उठा चुकी है. जानकारी के अनुसार यह मामला फर्रुखाबाद जिले के फतेहगढ़ बेसिक शिक्षा विभाग का बताया जा रहा है. विभाग को जब शिक्षिका के सर्टिफिकेट्स फर्जी होने की सूचना मिली तो प्रकरण में जांच बैठा दी गई. जांच में शैक्षिक अभिलेख और पैन कार्ड फर्जी पाए गए तो विभाग ने शिक्षिका को नोटिस जारी कर दिया. लेकिन इस बीच उसकी मौत की खबर मिली तो जांच ठंडी पड़ गई.
विभाग में हड़कंप मच गया
वहीं, जब मीडिया पर शिक्षिका के जिंदा होने की खबर प्रकाशित हुईं तो विभाग में हड़कंप मच गया. इस मसले में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी से सवाल जवाब किए गए तो वो बगले झांकते नजर आए. इस प्रकरण सीधे तौर पर विभााग की लापरवाही के रूप में देखा जा रहा है. सवाल यह है कि विभाग ने कैसे महिला की मौत की पुष्टि किए बिना फाइल को बंद क र दिया. हालांकि अब जबकि शिक्षिका के जिंदा होने की खबर सामने आई है तो देखना होगा कि विभाग इस प्रकरण में क्या कार्रवाई करता है?