एक तरफ जहां मंहगाई कम होने का नाम नहीं ले रही वहीं दूसरी तरफ रेपो रेट अचानक बढ़ाने के बाद आरबीआई अगले महीने जून में फिर झटका देने की बड़ी तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार बात करें तो केंद्रीय बैंक जून में की मौद्रिक नीति समिति रेपो दर में २५ आधार अंकों( यानी ०.२५ )फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है।
रेपो दरों के बढ़ने की वजहें रूस यूक्रेन युद्ध जिससे पश्चिमी देशों में रूस कड़ी पाबंदियां करते जा रहा है तथा महामारी के बाद आए तेज़ सुधार में जिस प्रकार छूट जारी रहने से बाजार में पैसा बढ़ा उसी के फलस्वरूप मांग और महंगाई दोनो ही बढ़ी।
इस पर आरबीआई और सरकार का ऐसा मानना है कि ब्याज दरें बढ़ने से अत्यधिक महंगाई के हालत आने से रोके जा सकते हैं । इसी के साथ भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने बयान जारी किया है कि रेपो दरों में बढ़ोतरी के बाद भी महंगाई दर पर कुछ समय तक ऊंची बनी रहेगी । ऐसा माना जा रहा है कि २०२३ मार्च तक रेपो दर ५.१५ % तक पहुंच सकती है।
अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष के एक रिपोर्ट के अनुसार यह माना जा रहा है की उपर्युक्त निर्णय बैंकों के लिए एक अच्छा कदम है जिससे उनके फंड की लागत बढ़ेगी क्योंकि नकद आरक्षित अनुपार ने भी आधा फीसदी का इज़ाफा किया है ।
एक रिपोर्ट के अनुसार २१ देशों ने अपने दरों में बढ़ोतरी की है, जिसमे से १४ देशों ने आधा फीसदी बढ़ोतरी की है खबर है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक इसी हफ़्ते अपने दरों में आधा फीसदी बढ़ोतरी कर सकता है।