सर्वोच्च न्यायालय ने बिलकिस बानो की अर्जी को किया रद्द, दोषियों की रिहाई का मामला

bilkis bano case: सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवार यानी आज बिलकिस बानो की तरफ से दाखिल पुनर्विचार याचिका को रद्द कर दिया, जिसमें 2002 में उसके साथ गैंगरेप  और उसके परिवार के सदस्यों के मर्डर के लिए दोषी बताए गए 11 लोगों की अवधि से पूर्व रिहाई को चुनौती दी गई थी।

गौरतलब है कि केस में 2008 में दोषी बताए गए 11 लोगों को 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से उस वक्त रिहा कर दिया गया था, जब गुजरात सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत उनकी रिहाई की इजाजत दी थी।

गुजरात में गोधरा ट्रेन जलाने के प्रकरण के बाद भड़के दंगों से भागते वक्त 21 वर्षीय बिलकिस बानो पांच माह की गर्भवती थी। आरोप है कि उस दौरान उनके साथ गैंगरेप किया गया था। मारे गए परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन वर्षीय बेटी भी शामिल थी।

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