पराली जलाने के संदर्भ में बोला सर्वोच्च न्यायालय – हम किसानों को सजा नहीं देना चाहते !

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में बुधवार को प्रदूषण को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने NCR में केंद्र सरकार के वाहनों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है. केंद्र ने कहा कि जब भी वर्क फ्रॉम होम की बात आती है तो ज्यादा नुकसान होते है. वर्क फ्रॉम होम का सीमित प्रभाव होगा. इसलिए हमने कार पूलिंग की राय दी है.
इस पर CJI ने कहा कि हमारा फोकस प्रदूषण कम करने पर है. आप लोग एक ऐसे मसले को बार-बार उठा रहे हैं जो प्रासंगिक नहीं है. केजरीवाल सरकार के तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि कहा अगर पराली जलाना 3-4 प्रतिशत है तो इसे संबोधित करने की जरुरत नहीं है. हम यह कहना चाहते हैं कि यह एक वजह है.
CJI ने कहा कि हम किसानों को सजा देना या परेशान करना नहीं चाहते हैं. आखिर किसान को पराली जलाना क्यों पड़ता. 5 स्टार होटल के एसी में बैठकर किसानों को दोष देना बहुत सरल है. CJI ने कहा कि आप पूसा शोध अध्ययन का हवाला देते रहते हैं, परन्तु पहले से ही ऐसी खबरें आ रही हैं कि पराली के प्रबंधन का तरीका असफल है.

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