सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि, विश्व बदल रहा है और भारत के प्रधान न्यायाधीश को भी बदलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी निजी डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस और उनके कंटेंट की जब्ती, जांच और संरक्षण पर जांच एजेंसियों के लिए गाइडलाइन देने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा ।
न्यायाधीश एसके कौल और न्यायधीश एएस ओका की बेंच में सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता ने कहा कि निजता के मसले पर पूरे विश्व में जांच एजेंसियों के मैनुअल को अपडेट किया जा रहा है। इस पर न्यायाधीश कौल ने कहा, दुनिया बदल गई है, चीफ जस्टिस को भी बदलना चाहिए। न्यायाधीश ओका ने कहा, उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो(CBI) मैनुअल देखा है और इसे अपडेट करने की जरूरत हो सकती है। CBI मैनुअल जांच के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रिया बताता है।
इस केस में बीते माह दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा था कि कानून को लागू करने और अपराधों की जांच से जुड़े मुद्दे पर हर तरफ से सुझाव/आपत्तियां लेना उचित होगा, क्योंकि कानून और व्यवस्था राज्य का मसला है। हलफनामे में कहा गया था कि जहां तक याचियों की आशंकाओं का संबंध है, उनमें से ज्यादातर को सीबीआई मैनुअल 2020 के पालन से दूर किया जा सकता है। साथ ही कहा कि सीबीआई मैनुअल के महत्व को इस अदालत की तरफ से पहले भी नोटिस किया गया है और उसी के अनुरूप मैनुअल को पुनः तैयार किया गया और 2020 में प्रकाशित किया गया। केस की अगली सुनवाई सात फरवरी को नियत हुई है।