पुलवामा हमले के बाद से ही भारत जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित करने को लेकर हर मुमकिन कोशिश कर रहा हैं. साथ ही आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के भी प्रयास कर रहा हैं. पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए भारत ने एयरस्ट्राइक कराई थी. हाल ही में मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव आया था लेकिन हर बार की तरह इस बार भी चीन ने अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर प्रस्ताव को पास नहीं होने दिया.
हालांकि इस बार भारत के प्रयासों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिला हैं. आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए अमेरिका भारत के साथ आ गया हैं. बता दें कि शुक्रवार को वांशिगटन में हुए यूएस-इंडिया काउंटर टेररिज्म ज्वॉइंट वर्किंग ग्रप और पदनाम संवाद के दौरान भारत और अमेरिका द्वारा एक बयान जारी किया गया है. बयान में कहा गया है, पाकिस्तान अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकी समूहों के खिलाफ सार्थक और ठोस कार्रवाई करें.
सेशन में अंतराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों द्वारा उत्पन्न खतरों पर बातचीत की, इस सेंशन में क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद का मुद्दा भी उठा. भारत और अमेरिका की तरफ से इस बात पर जोर दिया गया कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
बता दें कि इस सेशन का प्रतिनिधित्व अमेरिका की तरफ से अमेरिकी काउंटरटेररिज्म के राज्य विभाग समंवयक नाथन सेल्स और भारत की तरफ से अध्यक्षता विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव महावीर सिंघवी ने की.