पहले छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे हिंदी भाषी प्रदेशों में विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान हनुमान को दलित जाति का बताकर बखेड़ा खड़ा किया था, लेकिन उनके बयान के बाद भी भाजपा में इस तरह के बयानों को लेकर कोई रोक लगता नजर नही आ रहा है.
इसी कड़ी में सपा को छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले लखनऊ के नवाब बुक्कल ने हनुमान जी को मुस्लिम जाति का बता दिया और अब भाजपा सांसद डॉ हरिओम पांडेय ने तो पूरी राम दरबार की ही जाति बता दी है।
हरिओम पांडेय ने न सिर्फ राम दरबार के सभी सदस्य की जाति बताई बल्कि इस सबके ऊपर अपने शोध का भी दावा कर रहे हैं। भाजपा की तरफ से एक के बाद एक इस तरह के बयानों को लेकर लगातार चर्चाएं गर्म हो रही हैं।
भगवान राम के सहयोगियों को भी जातियों में बांटा
अम्बेडकर नगर से भाजपा सांसद डॉ हरिओम पांडेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बुक्कल नवाब के बाद अब हनुमान जी को ब्राह्मण बताया है। इसके अलावा उन्होंने रावण द्वारा सीता जी का अपहरण करने के बाद उसमें सहयोग करने वाले बाली को यादव और सुग्रीव को कुर्मी जाति का होना बताया है। इतना ही नहीं, रावण जब सीता जी को हर कर ले जा रहा था तो उस समय सीता जी के करुण क्रन्दन को सुनकर उन्हें बचाने के लिए जिस पक्षीराज जटायु ने रावण से युद्ध किया था, भाजपा सांसद ने उनको मुस्लिम समुदाय का होना बताया है।
इसके अलावा उन्होंने रावण से युद्ध के लिए लंका पर चढ़ाई के दौरान समुद्र पार पुल बांधने वाले नल और नील को विश्वकर्मा जाति का बताया है। डॉ हरिओम पांडेय अपने इन बयानों पर दावा भी कर रहे हैं कि उन्होंने इस पर शोध किया है और वे इसे साबित भी कर सकते हैं।
कहीं ये बीजेपी की चाल तो नहीं
कई राज्यों में विधान सभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारी में सभी पार्टियां जुट गई हैं। ऐसे में भाजपा एक बार फिर केंद्र में बहुमत हासिल करने में कोई कसर छोड़ने वाली नहीं है। भाजपा की तरफ से भगवान और उनके सहयोगियों की जिस तरह से जाति बताकर एक नई तरह की बहस छेड़ी जा रही है, उससे माना जा रहा है कि यह भाजपा की चुनाव को लेकर कोई ऐसी चाल है, जिसमे कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां कुछ ऐसा करने को मजबूर हो जाएं, जिससे एक बार फिर लोकसभा चुनाव हिंदुत्व और राम मंदिर मुद्दे पर ही केंद्रित हो जाए।
क्योंकि, अगर ऐसा हुआ तो यह भाजपा के लिए बेहतर साबित होगा। फिलहाल सांसद के इस नए बयान के बाद विपक्षी पार्टियां भी इस बहस में कूदती नजर आ रही हैं क्योंकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि बीजेपी वाले सभी भगवानों की जाति बता दें। जिससे हम लोग अपनी जाति के भगवान को पहचान लें.