आपके इस्तेमाल में आने वाली कई जरूरी दवाएं 1 अप्रैल से महंगी हो सकती हैं. दवाओं की कीमतों का निर्धारण करने वाले नियामक ने थोक मूल्य सूचकांक में वार्षिक बदलाव के अनुरूप, आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) के तहत दवाओं की कीमतों में वार्षिक 0.0055% बढ़ोत्तरी की घोषणा की है.
इस घोषणा के बाद 1 अप्रैल से कई आवश्यक दर्दनिवारक, एंटीबायोटिक्स और संक्रमणरोधी दवाएं 1 अप्रैल से महंगी हो सकती हैं. राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने नोटिस जारी कर कहा, ‘आर्थिक सलाहकार कार्यालय द्वारा दिए गए WPI डाटा के अनुसार, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार विभाग वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, कैलेंडर वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में WPI में वार्षिक परिवर्तन 0.00551% है.’
वहीं उद्योग से जुड़े एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि यह फार्मा उद्योग के लिए शायद ही अच्छी खबर है क्योंकि 2022 और पिछले साल दवा की कीमतों में क्रमश: 12 और 10 प्रतिशत की भारी वृद्धि की गई थी. हालांकि एक एनजीओ से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि इन दवाओं की अफॉर्डेबिलिटी बनाए रखने के लिए यह एक अच्छा कदम है.