एनडीए सहयोगियों की विचारधाराओं के बीच मतभेदों को की तरफ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इशारा किया. बघेल ने कहा कि भाजपा, जेडी (यू) और टीडीपी के बीच गठबंधन सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी. उन्होंने कहा, अग्निवीर, जाति जनगणना और यूसीसी जैसी विभिन्न योजनाओं पर सहयोगियों के बीच वैचारिक मतभेद का हवाला दिया. बघेल ने कहा, आंध्र प्रदेश और बिहार दोनों विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं और इसी आधार पर चंद्रबाबू नायडू पहले एनडीए से अलग हो गए थे. अब बयानों को देखें के.सी.त्यागी का कहना है कि अग्निवीर को ख़त्म कर देना चाहिए और जातीय जनगणना होनी चाहिए इसमें वो सारी बातें हैं जो मोदी सरकार के ख़िलाफ़ हैं.
वे (भाजपा) यूसीसी के बारे में बात करेंगे, वे दोनों नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू इसका विरोध करेंगे. वे दोनों शानदार वार्ताकार हैं. अभी सिर्फ खबर है कि कौन सा नेता किस मंत्रालय की मांग करने वाला है. यह नहीं चलेगा. ये अटल जी नहीं हैं, ये मोदी जी हैं, ये किसी की नहीं सुनते.”
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए को बिना शर्त समर्थन की पेशकश की है, लेकिन वह चाहते हैं कि ‘अग्निपथ’ योजना की कमियों पर विस्तार से चर्चा की जाए. मतदाताओं का एक वर्ग अग्निवीर योजना से नाराज है. हमारी पार्टी चाहती है कि जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं, उन पर विस्तार से चर्चा की जाए और उन्हें दूर किया जाए. उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर भी बात की, जो भाजपा के चुनावी वादों में से एक रहा है. उन्होंने संकेत दिया कि जेडीयू यूसीसी के खिलाफ नहीं है लेकिन इस पर हितधारकों के साथ चर्चा की जानी चाहिए.