वो मौके जब बेहद भावुक हो गए थे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चाहे कोई सार्वजनिक सभी हो या फिर संसद में दिया उनका कोई भाषण, उनका अंदाज बेहद अलग होता है और लोग उन्हें बहुत ही चाव के साथ सुनते हैं. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि सुनने वाला कोई विपक्षी दलों का है या फिर समर्थक दल का. प्रधानमंत्री मोदी की किसी भी अपील को देश की जनता बेहद गंभीरता से लेकर उसका पालन करते हैं. लेकिन, कई बार अपने करोड़ों चाहने वालों के बीच प्रधानमंत्री मोदी कुछ ऐसे भावुक हो उठते हैं कि उनकी आंखों में आंसू छलक पड़ते हैं.

जी हां, ऐसे कई मौके आए जब पीएम मोदी देश के लोगों के सामने भावुक होते हुए दिखे. गुरुवार को पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जिस वक्त फ्रंटलाइन डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ कोरोना पर चर्चा कर रहे थे तो उन लोगों को याद कर भावुक हो गए, जिनकी कोरोना महामारी ने दुनिया उजाड़ कर रख दी. भावुक होते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है. मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं. उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं.<

इस साल फरवीर में जिस वक्त राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की विदाई भाषण पीएम मोदी दे रहे थे, वे काफी भावुक नजर आए. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान गुलाम नबी आजाद की जमकर तारीफ की. उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जिस समय गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकी हमले हुए थे, गुलाम नबी आजाद जी ने मुझे फोन किया. यह बोलते हुए उनके आंसू रूक नहीं रहे थे और वह काफी भावुक हो गए.

पीएम बनने के बाद जब पहली बार नरेन्द्र मोदी ने बलूरमठ का दौरा किया तो वहां पर रामकृष्ण मिशन मठ का दौरा कर वे काफी भावुक हो गए. खासकर तब जब मठ में उनके लिए स्वामी विवेकानंद का कमरा खोला गया था. पीएम मोदी जब अपनी युवावस्था के दौरान साधु बनना चाहते थे तब इसी मठ ने तीन बार उनकी अपील को नामंजूर कर दिया था.

प्रधानमंत्री मोदी जब साल 2015 में अमेरिका यात्रा के दौरान सिलिकॉन वैली गए तो वहां पर वे फेसबुक और गूगल के दफ्तर भी गए थे. उस दौरान उनके साथ फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग भी उस कार्यक्रम में शरीक हुए थे. जुकरबर्ग समेत कई लोगों ने पीएम मोदी से सवाल किए. जिस वक्त पीए मोदी मार्क जुकरबर्ग का सवाल ले रहे थे तो वे अपनी मां पर एक सवाल का जवाब देते समय उनकी आंखें भर आई. वह अपनी मां के संघर्ष के दिनों के बारे में याद करते हुए काफी भावुक हो गए थे

प्रधानमंत्री मोदी जनवरी 2016 में लखनऊ के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान एक स्टूडेंट रोहित वेमुला की मौत का जिक्र करते हुए काफी भावुक हो उठे. उन्होंने कहा कि एक मां ने अपना बेटा खोया है और इसकी दर्द वह महसूस कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं एक मां की पीड़ा को महसूस करता हूं.

पीएम मोदी साल 2016 में 8 नवंबर को विमुद्रीकरण के अपने फैसले के बाद पहली बार गोवा में 13 नवंबर को संबोधित करते वक्त काफी भावुक हो उठे. पीएम मोदी एक तरफ जहां कालेधन पर खूब बरसे तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि मैं घर परिवार सब देश के लिए छोड़ दिया… और यह बोलते समय पीएम मोदी बहुत भी भावुक हो गए थे.

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