G20 शिखर सम्मेलन हर साल आयोजित होने वाला एक अहम सम्मेलन है। हर साल अलग-अलग देशों में इस सम्मेलन का आयोजन होता है। G20 देशों के लीडर्स इसमें शामिल होते हैं और ग्लोबली अहम मुद्दों पर चर्चा करते हैं। इस साल के G20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता और मेजबानी भारत को मिली है। भारत की मेजबानी में इस साल के G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 9-10 सितंबर को राजधानी दिल्ली में होगा। ऐसे में G20 देशों के लीडर्स के साथ ही अन्य अहम नेता और अधिकारी भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे। हालांकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत में होने वाले इस G20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। पुतिन की जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।
भारत और रूस के संबंध लंबे समय से काफी अच्छे रहे हैं और समय के साथ मज़बूत भी हुए हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी रुसी राष्ट्रपति पुतिन से अच्छे संबंध हैं। ऐसे में क्यों पुतिन G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं? आइए इसके पीछे की 3 बड़ी वजहों पर नज़र डालते हैं।
जब से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia-Ukraine War) शुरू हुआ है, तब से पुतिन ने अपने विदेशी दौरों खासकर बड़े लेवल के दौरों को सीमित कर दिया है। भारत में G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन एक बड़ा अवसर है और साथ ही बड़ा दौरा भी। इसी वजह से पुतिन इसमें शामिल होने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं।
रूस की मीडिया के सामने तो पुतिन रूस और यूक्रेन युद्ध पर बात करने से पीछे नहीं हटते, पर इंटरनेशनल मीडिया के सामने ऐसा करने से बचते हैं। साथ ही इंटरनेशनल लीडर्स के सामने भी पुतिन रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर बात करने में दिलचस्पी नहीं रखते। भारत में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान बड़े लेवल पर इंटरनेशनल मीडिया मौजूद होगी और साथ ही कई इंटरनेशनल लीडर्स भी। ऐसे में पुतिन इंटरनेशनल मीडिया और लीडर्स से रूस और यूक्रेन युद्ध पर किसी तरह के सवाल-जवाब के फेर में नहीं पड़ना चाहते।
रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही पुतिन की सुरक्षा भी बढ़ गई है। यूँ तो भारत में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान सभी लीडर्स और अधिकारियों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा, पर फिर भी भारत में G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होकर पुतिन अपनी सुरक्षा को जोखिम में नहीं डालना चाहते।