तीन तलाक पर तीन बार अध्यादेश तो राम मंदिर पर क्यों नहीं?

राम मंदिर

लखनऊ। केन्द्र की भाजपा सरकार तीन तलाक पर तीन बार अध्यादेश ला सकती है तो राम मंदिर पर अध्यादेश मोदी क्यों नहीं लेकर आये। भाजपा ने राम मंदिर निर्माण के लिए कोई पहल नहीं की। अगर मोदी की राम मंदिर में आस्था होती तो कोई ठोस कदम उठाते। मोदी ने पांच सालों में राम मंदिर के लिए पांच मिनट समय भी नहीं दिया।

कल्कि पीठाधीश्वर व लखनऊ से कांग्रेस उम्मीदवार आचार्य प्रमोद कृष्णम ने रविवार को यह बातें कहीं। उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि हम राम को राजनीति में नहीं घसीटना चाहते। आस्था का मुद्दा अदालत से हल नहीं हो सकता है। भारत का एक भी मुसलमान राम मंदिर निर्माण के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी पक्ष में हैं। केंद्र में सरकार बनने पर हम राम मंदिर निर्माण के लिए पहल करेंगे।

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आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि अटल जी महापुरूष हैं। राजनाथ सिंह लखनऊ के सांसद हैं। उन्हें चाहिए था कि लखनऊ में उनकी प्रतिमा लगाते लेकिन उन्होंने यह काम नहीं किया। अगर हमें यहां की जनता चुनाव जिताती है तो हम जीतने के बाद पहले काम के तौर पर लखनऊ में अटल जी की मूर्ति लगवायेंगे।

उन्होंने कहा कि लखनऊ की सड़कें गड्ढायुक्त हैं। पूरे शहर में जाम की समस्या है। चारों ओर गंदगी की भरमार है। पीने के पानी की समस्या भी है। यह शहर घूमने के बाद नहीं लगता है कि यह देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह का संसदीय क्षेत्र है।

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