जगतगुरु रामभद्राचार्य ने हाल ही में तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के मामले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एबीपी न्यूज से बातचीत में इस बात को उठाया कि तिरुपति तिरुमाला मंदिर में प्रसाद में मिलावट कर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ईसाई और इस्लामी संस्कृति हिंदू धर्म के खिलाफ काम कर रही है। उनका कहना है कि ईसाई धर्म के अनुयायी सनातन धर्म की भावना को आहत कर रहे हैं।
सनातन बोर्ड के गठन की योजना
रामभद्राचार्य ने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में एक हिंदू सनातन बोर्ड का गठन किया जाएगा जो सभी मंदिरों पर नियंत्रण करेगा। उन्होंने कहा कि इस अपमान का बदला लिया जाएगा और इसकी योजना बनाई जा रही है। उनका मानना है कि यह सब एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है। उन्होंने दोहराया कि इस बोर्ड के माध्यम से हिंदू भावनाओं का संरक्षण किया जाएगा।
महाराष्ट्र की शिंदे सरकार को आशीर्वाद
इसके अलावा, रामभद्राचार्य ने महाराष्ट्र की शिंदे सरकार को आशीर्वाद देते हुए कहा कि जो लोग हिंदू सनातन धर्म के लिए काम करने वाली सरकार को चुनकर लाए हैं, उन्हें समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार (शिंदे) ने सही दिशा में काम किया है। इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस बात से सहमति जताई जिसमें उन्होंने कांग्रेस को ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ कहा था। रामभद्राचार्य का कहना है कि पीएम का यह बयान सच है।
राजनीतिक बयानों से नाराजगी
रामभद्राचार्य अक्सर अपने विवादास्पद बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। पिछले महीने उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया। उन्हें चार हफ्तों के अंदर जवाब देने को कहा गया। इसके अलावा, बिहार में उन्होंने एक विशेष जाति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जो लोग ‘जय श्री राम’ नहीं बोलते, वे एक खास जाति के हैं। इस बयान के बाद सपा-बसपा समर्थकों में व्यापक नाराजगी देखने को मिली थी और दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था।